एमएनआरई और आईआरईडीए ने भुवनेश्वर में ओडिशा की हरित ऊर्जा क्षमता पर प्रकाश डालने के लिए सम्मेलन किया आयोजित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 जून। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए) के सहयोग से भुवनेश्वर के वेलकम होटल में वैश्विक पवन दिवस के लिए एक प्री-इवेंट कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।
संयुक्त सचिव* (एमएनआरई) ललित बोहरा का भाषण इरेडा के निदेशक (वित्त) डॉ. बी. के. मोहंती ने पढ़ा, जिसमें उन्होंने पूरे भारत में अक्षय ऊर्जा के तेजी से विकास पर जोर दिया और ओडिशा राज्य सहित भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडब्ल्यूई) के अनुसार, भारत की तटीय पवन ऊर्जा क्षमता जमीनी स्तर से 150 मीटर ऊपर 1,164 गीगावाट अनुमानित है, जबकि ओडिशा की क्षमता 12 गीगावाट है।
अपने मुख्य भाषण में, इरेडा के सीएमडी प्रदीप कुमार दास ने ओडिशा की महत्वपूर्ण हरित ऊर्जा क्षमता और राज्य के भीतर आशाजनक अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं में अग्रणी होने की ओडिशा की क्षमता की ओर इशारा किया, और सतत ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ाने में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। 31 मार्च 2024 तक, इरेडा ने अक्षय ऊर्जा में कुल 1,25,917 करोड़ रुपये का संचयी ऋण वितरित किया है, जिसमें देश भर में पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 26,913 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। विशेष रूप से, ओडिशा में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए इरेडा द्वारा 1,637 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। श्री दास ने ओडिशा की अक्षय ऊर्जा नीति 2022 को भी रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देना है, जिसमें आरई विनिर्माण और हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया और फ्लोटिंग सोलर जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने सतत राष्ट्रीय विकास के लिए अक्षय ऊर्जा के दोहन के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि की और अक्षय ऊर्जा डेवलपर्स को ओडिशा और अन्य राज्यों में बढ़ते अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
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