समग्र समाचार सेवा
ठाणे, 8 जुलाई: महाराष्ट्र में भाषा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मराठी न बोलने पर फूड स्टॉल मालिक से मारपीट के विरोध में व्यापारियों के प्रदर्शन के जवाब में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को मीरारोड में शक्ति प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरते ही हिरासत में ले लिया।
व्यापारियों के विरोध के जवाब में मनसे की रैली
ठाणे जिले के मीरा-भायंदर इलाके में व्यापारियों ने हाल ही में एक फूड स्टॉल मालिक के साथ हुई मारपीट के विरोध में प्रदर्शन किया था। व्यापारी इस बात से नाराज थे कि मराठी भाषा न बोलने पर किसी के साथ हिंसा क्यों हुई। इसके जवाब में मनसे कार्यकर्ताओं ने मीरारोड में रैली निकाली और ऐलान किया कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर व्यक्ति को मराठी सीखनी ही होगी।
#WATCH | Maharashtra | Police detain MNS workers protesting to counter traders' protest over language row, in Mira Bhayandar area pic.twitter.com/r9F1Rch10D
— ANI (@ANI) July 8, 2025
पुलिस ने बीच सड़क पर किया गिरफ्तार
मनसे की रैली शुरू होते ही इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। जैसे ही कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, पुलिस ने उन्हें घेर लिया और वैन में भरकर हिरासत में ले लिया। कई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जब व्यापारियों को प्रदर्शन की अनुमति दी गई तो उन्हें क्यों रोका गया। इस दौरान सोशल मीडिया पर मनसे कार्यकर्ताओं का वीडियो वायरल हो गया।
फडणवीस ने दी कड़ी चेतावनी
भाषा विवाद पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन भाषा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई भी कानून हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर किसी ने भाषा के नाम पर हिंसा फैलाई तो एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फडणवीस ने यह भी कहा कि कभी-कभी वही लोग अंग्रेजी को गले लगाते हैं और हिंदी पर सवाल उठाते हैं — यह कैसी सोच है? उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग मराठी के नाम पर गुंडागर्दी करेंगे, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन होगा।
मीरारोड की इस रैली ने एक बार फिर महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा की बहस को हवा दे दी है।
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