मोदी सरकार ने चीनी के निर्यात पर भी लगाई रोक, जानिए क्या है कारण

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25मई। अनाज के बाद अब सरकार ने चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा दी है. विदेश व्यापार के महानिदेशक कार्यालय की ओर से मंगलवार को इस बारे में अधिसूचना जारी हुई. जिसमें कहा गया है कि 1 जून से चीनी के निर्यात पर रोक रहेगी. पाबंदी पर रोक के कारण का उल्लेख करते हुए डीजीएफटी संतोष कुमार सारंगी की ओर से कहा गया है कि घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने और दामों को स्थिर रखने के लिहाज से सरकार ने ऐसा करने का फैसला किया है. सरकार की ओर से हर प्रकार की चीनी (कच्ची, रिफाइन और सफेद) के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी है. हालांकि, इस दौरान यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू कोटा के तहत चीनी का निर्यात जारी रहेगा.
जानकारी के मुताबिक सरकार पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए छह साल में पहली बार चीनी निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर सकती है. हालांकि, शाम होते-होते ये चीनी की आपूर्ति पर पूरी तरह रोक लगा दी गई. चीनी के प्रमुख आयातक देश इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं.
गौरतलब है कि चीनी मिलों ने विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अबतक 90 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुबंध किया है. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि इसमें से 75 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है. ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और निर्यातक देश है. मालूम हो कि नए 2022-23 विपणन वर्ष के पहले दो महीनों में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सितंबर, 2022 के अंत में 60 लाख टन के पिछले बचे स्टॉक की आवश्यकता है.

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