समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5जून। आज से ठीक 1 साल पहले यानी 5 जून 2020 को मोदी सरकार कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश लेकर आई थी। जिसके बाद से पूरे देश और खासतौर पर उत्तर भारत के राज्यों में अध्यादेशों का विरोध किया गया। इन्हीं अध्यादेशों के विरोध में हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के किसान दिल्ली की ओर बढ़े और किसान आंदोलन की शुरुआत हुई।
तीन काले क्रूर कृषि कानूनों की बरसी!
अहंकार त्याग काले कृषि कानूनों को वापस करें!
आज इन काले कानूनों की बरसी पर मोदी सरकार को चाहिए कि वो अपने निर्णय को वापस ले और इन कानूनों को फौरन खारिज करे।
हमारा बयान-: pic.twitter.com/tpdmX2luxX
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 5, 2021
सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के एक साल पूरे होने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने एक विज्ञप्ति (नोटिस) जारी कहा है कि मोदी सरकार से कानूनों को तुरंत वापस ले और निरस्त करें। कांग्रेस द्वारा जारी नोटिस के सबसे ऊपर लिखा गया है, “तीन काले क्रूर कृषि कानूनों की बरसी, अहंकार त्याग काले कृषि कानून वापस करें”. रणदीप सुरजेवाला ने सरकार के ऊपर कई सवाल उठाए और आरोप भी लगाए।
सुरजेवाला ने बयान में कहा, मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2014 में अध्यादेश के माध्यम से किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की. फिर 2015 में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दे दिया कि किसानों को लागत +50 प्रतिशत मुनाफा कभी भी समर्थन मूल्य के तौर पर नहीं दिया जा सकता. फिर खरीफ 2016 में प्रधानमंत्री फसल योजना लेकर आए जिसमें चंद बीमा कंपनियों ने 26,000 करोड रुपए का मुनाफा कमाया. यही नहीं अपने पूंजीपति मित्रों का तो लगभग दस लाख करोड़ का कर्जा माफ कर दिया पर किसान की कर्ज माफी के नाम पर मुंह मोड़ लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार इतने से भी बाज नहीं आई. 5 जून 2020 को तीन काले कानूनों के माध्यम से किसानों की आजीविका पर फिर से डाका डालना चाहती है
Comments are closed.