राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार का एक्शन, I&B मंत्रालय ने 7 भारतीय और एक पाकिस्तानी YouTube चैनल पर लगाया बैन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18अगस्त। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को 7 भारतीय और 1 पाकिस्तान स्थित YouTube समाचार चैनल पर पाबंदी लगा दी है। खबरों के मुताबिक इन चैनलों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के लिए अवरुद्ध किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि उसने आईटी नियम, 2021 के तहत आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए, इन चैनलों के साथ एक फेसबुक अकाउंट और दो फेसबुक पोस्ट को भी ब्लॉक कर दिया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि YouTube चैनलों को ‘फर्जी भारत विरोधी सामग्री’ पेश करने के लिए ब्लॉक किया गया और चैनलों के पास कुल 85 लाख 73 हजार सब्स्क्राइबर्स थे और इनके कंटेंट को कुल 114 करोड़ से अधिक बार देखा गया।
इस मामले पर एक विज्ञप्ति जारी करते हुए, I&B मंत्रालय ने कहा, “अवरुद्ध भारतीय YouTube चैनलों को नकली और सनसनीखेज थंबनेल, समाचार एंकरों की छवियों और कुछ टीवी समाचार चैनलों के लोगो का उपयोग करते हुए देखा गया ताकि दर्शकों को यह विश्वास करने के लिए गुमराह किया जा सके कि समाचार प्रामाणिक था।”
विज्ञप्ति में कहा गया, “मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए सभी YouTube चैनल अपने वीडियो पर सांप्रदायिक सद्भाव, सार्वजनिक व्यवस्था और भारत के विदेशी संबंधों के लिए हानिकारक झूठी सामग्री वाले विज्ञापन प्रदर्शित कर रहे थे।”
इनमें से कुछ YouTube चैनलों द्वारा प्रकाशित सामग्री का उद्देश्य भारत में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाना था। अवरुद्ध YouTube चैनलों के विभिन्न वीडियो में झूठे दावे किए गए थे, जैसे कि भारत सरकार ने धार्मिक संरचनाओं को गिराने का आदेश दिया है; भारत सरकार ने धार्मिक त्योहारों के उत्सव आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह की सामग्री में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की क्षमता पाई गई थी।
Blocked YouTube channels had over 114 crore views, and 85 lakh 73 thousand subscribers
Fake anti-India content was being monetized by the blocked channels on YouTubehttps://t.co/FHeROCOBrb
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— PIB India (@PIB_India) August 18, 2022
YouTube चैनलों का उपयोग भारतीय सशस्त्र बलों, जम्मू और कश्मीर आदि जैसे विभिन्न विषयों पर नकली समाचार पोस्ट करने के लिए भी किया गया था। सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से पूरी तरह से गलत और संवेदनशील माना गया था।
मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध सामग्री को भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों और देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया। तदनुसार, सामग्री को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के दायरे में शामिल किया गया था।
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