मोदी ने ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण के समझौते का स्वागत किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण के समझौते का स्वागत किया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व का प्रतीक भी बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस समझौते से गाजा में बंदियों की रिहाई और मानवीय सहायता बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे वहां के लोगों को अत्यंत आवश्यक राहत मिलेगी और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक X पोस्ट (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण के समझौते का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व का भी प्रतीक है। हमें उम्मीद है कि बंदियों की रिहाई और गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता में वृद्धि से उन्हें राहत मिलेगी और स्थायी शांति की राह आसान होगी।”

विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौता मध्यपूर्व में हाल के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए अहम माना जा रहा है। गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति को सुधारने और नागरिकों के जीवन में सहजता लाने के प्रयास इस पहल के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक शांति प्रयासों का समर्थन करता रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी क्षेत्र में स्थायी शांति केवल वार्ता और सहयोग के माध्यम से ही संभव है। भारत की स्थायी प्रतिबद्धता है कि वह सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहायक भूमिका निभाए, जो मानवता के हित में हों।

इस अवसर पर, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि ट्रंप की शांति योजना का पहला चरण केवल एक प्रारंभिक कदम है, और यदि इसका सफल क्रियान्वयन हुआ तो यह क्षेत्र में व्यापक स्थायी शांति और सुरक्षा के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

प्रधानमंत्री के स्वागत और आशा व्यक्त करने वाले संदेश से यह स्पष्ट है कि भारत मध्यपूर्व में स्थायी शांति और मानवीय सहायता के प्रयासों में एक जिम्मेदार और सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।

इस समझौते को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। यह पहल गाजा और आसपास के क्षेत्रों में तनाव को कम करने और आम लोगों के जीवन में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस समझौते का स्वागत न केवल भारत की कूटनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत वैश्विक शांति प्रयासों में हमेशा से सहायक और सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।

 

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