मोदी आरएसएस कार्टून मामला हेमंत मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 जुलाई: भगवान शिव पर कथित अनुचित टिप्पणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं के आपत्तिजनक कार्टून को लेकर फंसे कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इंदौर हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद मालवीय ने शीर्ष अदालत में राहत की गुहार लगाई है।

हाई कोर्ट ने माना था अभिव्यक्ति की आज़ादी का दुरुपयोग

हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने 8 जुलाई को खारिज कर दी थी। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने अपने आदेश में कहा था कि भगवान शिव के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी और पीएम मोदी समेत संघ नेताओं के अभद्र कार्टून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग हैं। कोर्ट ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया।

अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

मालवीय के वकील वृंदा ग्रोवर ने उनकी ओर से याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। यह मामला जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच के सामने आया। वकील ने दलील दी कि 2021 में पोस्ट किए गए कार्टून को लेकर अब एफआईआर हुई है और इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा लगाई गई है, जिसमें अधिकतम तीन साल की सजा है। इसके बावजूद हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया।

क्या है मामला

हेमंत मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने भगवान शिव को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और पीएम मोदी व संघ नेताओं के कार्टून शेयर कर हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी। इसी आरोप में इंदौर के लसूड़िया थाने में इस साल मई में RSS कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया कि मालवीय की पोस्ट समाज में धार्मिक उन्माद और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश थी।

सोमवार को सुनवाई तय

सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की बात कही है। अब देखना होगा कि क्या शीर्ष अदालत से उन्हें राहत मिलती है या गिरफ्तारी की तलवार अभी लटकती रहेगी।

 

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