प्रधानमंत्री मोदी ने राजगोपालाचारी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी

स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक भूमिका निभाने वाले राजाजी को पीएम ने याद किया

  • ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री ने लिखा राजाजी 20वीं सदी के सबसे तीक्ष्ण मस्तिष्कों में शामिल
  • अभिलेखों से दुर्लभ तस्वीरें और दस्तावेज़ साझा किए
  • भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल रहे राजाजी, कई बड़े आंदोलनों में अग्रणी भूमिका
  • राजनीति, साहित्य और लोकसेवा में योगदान के लिए ‘भारत रत्न’ से सम्मानित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) की जयंती पर श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजाजी स्वतंत्रता संग्राम से लेकर सार्वजनिक जीवन तक हर स्तर पर देश को नई दिशा देने वाले व्यक्तित्व थे।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, “स्वतंत्रता सेनानी, चिंतक, बौद्धिक, राजनेता… श्री सी. राजगोपालाचारी को याद करते समय कई वर्णन आते हैं। वे 20वीं सदी के सबसे तेज़ दिमागों में से एक रहे, जिन्होंने मूल्यों और मानव गरिमा को सर्वोच्च माना। देश उनके योगदान को कृतज्ञता से याद करता है।”

प्रधानमंत्री ने राजाजी से जुड़े अभिलेखों से कुछ दुर्लभ सामग्री भी साझा की,
• युवा राजाजी की एक तस्वीर
• मंत्रिपरिषद में उनकी नियुक्ति की अधिसूचना
• 1920 के दशक के स्वयंसेवकों के साथ ऐतिहासिक फोटो
• वर्ष 1922 का यंग इंडिया का वह संस्करण जिसे राजाजी ने गांधी जी के जेल में रहने के दौरान संपादित किया था

10 दिसम्बर 1878 को जन्मे राजगोपालाचारी, महात्मा गांधी के सबसे निकट सहयोगियों में माने जाते हैं। 1919 में गांधी जी से मुलाक़ात के बाद उन्होंने वकालत छोड़ दी और रॉलेट एक्ट विरोध, असहयोग आंदोलन, वैकोम सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे कई निर्णायक अभियानों का नेतृत्व किया।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1912 से 1941 के बीच पाँच बार उन्हें कारावास भी झेलना पड़ा।

राजाजी बाद में मद्रास प्रेसीडेंसी के प्रीमियर बने, आगे चलकर ‘स्वातंत्र्य दल’ की स्थापना की और 1954 में उन्हें राजनीति, साहित्य और लोकसेवा के लिए ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उनका निधन 25 दिसम्बर 1972 को हुआ।

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