समग्र समाचार सेवा
चमोली, 10फरवरी।
उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ के बाद से आज चौथे दिन बुधवार तक आपदा में लापता 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हो चुके हैं और 174 अभी भी लापता. इस त्रासदी में 192 से 204 लोग लापता हुए थे. हालाकि, अभी भी लापता लोगों का सही आंकड़ा सामने नहीं आया है. उत्तरखंड चमोली के तपोवन में हुए हादसे का आज चौथा दिन भी बचाव अभियान जारी है, लेकिन इसमें अभी तक अधिक सफलता नहीं मिल सकी है. NTPC के पावर प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 35-40 लोगों की बचाने की कोशिश जारी है।
सुरंग अभी भी लगभग 120 मीटर तक पहुंच-योग्य है. सुरंग के अंदर से आने वाले अधिक स्लश और पानी से आगे का रास्ता मुश्किल हो गया है. करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल का ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है।
राज्य सरकार के अनुसार, उत्तराखंड ग्लेशियर के फटने से 206 लोग लापता हैं, जिसमें 32 के शव मिल चुके हैं, और तपोवन सुरंग के अंदर 25-35 लोग फंसे हैं. आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने आज सुबह तपोवन सुरंग में प्रवेश किया. आईटीबीपी ने कहा, सुरंग अभी भी लगभग 120 मीटर तक पहुंच-योग्य है. सुरंग के अंदर से आने वाले अधिक स्लश और पानी से आगे का रास्ता मुश्किल हो गया है.
करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल का ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है. आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें पूरी ताकत से रेस्क्यू में जुटी हुई हैं. बावजूद अब तक सिर्फ 120 मीटर हिस्से की सफाई हो सकी है।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ” बचाव अभियान में ज्यादा प्रगति नहीं. हमने 32 शव बरामद किए हैं, 8 की पहचान की है, 24 अज्ञात हैं. बचाव दल ने 2 उत्तराखंड पुलिस कर्मियों के शव भी बरामद किए हैं. लापता और मृत लोगों के लिए सटीक संख्या की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन यह 192 और 204 के बीच है.
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