समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जुलाई। यूपी के सरकारी स्कूल… जर्जर बिल्डिंग, टपकती छत और एक-एक कमरे में 100-100 बच्चे…।
इन सरकारी स्कूलों को सुधारने की जिम्मेदारी हमारे सांसद-विधायकों की है।
लेकिन इन पर कभी गंभीरता काम नहीं हुआ।
इसकी बड़ी वजह है… नेताओं के अपने प्राइवेट स्कूल।
दैनिक भास्कर ने पूरे उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों की पड़ताल की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।
आधे से ज्यादा यानी करीब 60% प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के मालिक हमारे नेता हैं।
यूपी के 10 नेता, जिनके पास सबसे ज्यादा स्कूल-कॉलेज
नाम/पार्टी/जिला/ स्कूल-कॉलेज
- शिव प्रसाद यादव/बसपा (पूर्व सांसद प्रत्याशी)/मैनपुरी, इटावा/100 से ज्यादा
- बृजभूषण शरण सिंह/भाजपा (पूर्व सांसद)/गोंडा, बहराइच/54
- जय चौबे/भाजपा (पूर्व विधायक)/संतकबीरनगर/50 से ज्यादा
- डॉ. जितेंद्र यादव/सपा (प्रदेश सचिव)/फर्रुखाबाद/20 से ज्यादा
- अजय प्रताप सिंह/भाजपा (जिला पंचायत अध्यक्ष)/फतेहपुर/18 से ज्यादा
- वाचस्पति/अपना दल (विधायक)/प्रयागराज/15 से ज्यादा
- एसपी सिंह पटेल/सपा (सांसद)/प्रतापगढ़/LPS ग्रुप/13
- संजय सिंह/बीजेपी (पूर्व कैबिनेट मंत्री)/अमेठी/13
- मनोज सिंह/बीजेपी/गाजीपुर/11
- संजयन त्रिपाठी/बीजेपी (पूर्व एमएलसी)/गोरखपुर/10 से ज्यादा
यूपी में 74 हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं। इसमें 50 हजार स्कूलों के मालिक नेता हैं।
इनमें लगभग सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं। 20 हजार प्राइवेट इंटर कॉलेज और 7 हजार से ज्यादा प्राइवेट डिग्री कॉलेज भी हैं।
यहां भी 60% से ज्यादा नेताओं के ही हैं। ऐसे भी नेता हैं जिनके पास करीब 100 स्कूल-कॉलेज हैं।
31 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में 5 बीजेपी और 3 सपा नेताओं के हैं।
स्कूल-कॉलेज खोलने के लिए करीब 17 तरह के सर्टिफिकेट जरूरी हैं।
इसे नेताओं की हनक कहें या ऊपर तक सेटिंग, उनके स्कूल-कॉलेजों की फाइल कहीं नहीं अटकती।
स्कूल-कॉलेज में भाजपा के नेता आगे
बसपा नेता शिव प्रसाद यादव के पास 100 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के पास 54 और संतकबीरनगर के बीजेपी नेता जय चौबे के पास 50 से अधिक स्कूल-कॉलेज हैं।
सपा के प्रदेश सचिव डॉक्टर जितेंद्र यादव के पास 20 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं। उनके ज्यादातर स्कूल फर्रुखाबाद में हैं।
फतेहपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी नेता अजय प्रताप सिंह के पास 18 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
प्रयागराज की बारा सीट से अपना दल के विधायक वाचस्पति के 15 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
प्रतापगढ़ के सपा सांसद एसपी सिंह पटेल के 13 से स्कूल-कॉलेज हैं। LPS ग्रुप इन्हीं का है।
अमेठी में बीजेपी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री संजय सिंह के पास कुल 13 स्कूल-कॉलेज हैं।
हरदोई के बीजेपी MLC अवनीश प्रताप सिंह के पास जिले में 10 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
गाजीपुर के बीजेपी नेता मनोज सिंह के पास 8 डिग्री कॉलेज, 2 इंटर कॉलेज और ITI कॉलेज हैं।
बीजेपी विधायक अनुराग सिंह के पास मिर्जापुर में 5 डिग्री कॉलेज हैं।
इन भाजपा नेताओं के पास स्कूल-कॉलेज
नाम/पद/जिला/स्कूल-कॉलेज
- अवनीश कुमार सिंह/एमएलसी/हरदोई/10 से ज्यादा
- अजय कपूर फैमिली/कानपुर/केडीएमए चेन, 10 से ज्यादा
- जगदीश सिंह पटेल/जिला सहकारी बैंक चेयरमैन/मिर्जापुर/7
- छोटे लाल वर्मा/विधायक/आगरा/5
- अनुराग सिंह/विधायक/मिर्जापुर/5
- संजय गुप्ता/पूर्व विधायक/कौशांबी/5
- विनोद सिंह/विधायक/सुल्तानपुर/5
- अरविंद बंसल/बीजेपी/शामली/4 से ज्यादा
- जगदंबिका पाल/सांसद/सिद्धार्थनगर/सूर्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स
- घनश्याम अनुरागी/जिला पंचायत अध्यक्ष/जालौन/4
नोट: इसके अलावा करीब 20 नेता हैं, जिनके पास 3 या फिर इससे ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
डुमरियागंज से बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल के पास सूर्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन नाम से इंस्टीट्यूट है।
इसमें डिग्री कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल है।
मिर्जापुर में बीजेपी विधायक अनुराग सिंह के पास 5 कॉलेज हैं।
कौशांबी में बीजेपी के पूर्व विधायक संजय गुप्ता के पास 4 इंटर कॉलेज और एक डिग्री कॉलेज है। बोर्डिंग स्कूल भी है।
इन सबके अलावा जालौन के जिला पंचायत अध्यक्ष (बीजेपी) घनश्याम अनुरागी के पास 3 कॉलेज,
आगरा के बीजेपी विधायक छोटे लाल वर्मा के पास 5 स्कूल-कॉलेज
और संभल के बीजेपी नेता अजीत यादव के पास 4 स्कूल-कॉलेज हैं।
सपा सांसद के पास सबसे महंगे स्कूल की चेन
प्रतापगढ़ से सपा सांसद एसपी सिंह पटेल लखनऊ पब्लिक स्कूल के मालिक हैं।
फर्रुखाबाद के सपा नेता डॉ. जितेंद्र यादव के पास पूरा बाबू सिंह ग्रुप है।
20 से ज्यादा डिग्री कॉलेज और 4 मेडिकल कॉलेज हैं।
सपा सरकार में मंत्री रहे सिद्धार्थनगर के माता प्रसाद पांडेय के पास भी 5 स्कूल-कॉलेज हैं।
सपा के दिग्गज नेता आजम खान के पास 3 स्कूल हैं, एक यूनिवर्सिटी भी है।
सपा और दूसरी पार्टियों के नेताओं के पास स्कूल-कॉलेज
नाम/पद/जिला/स्कूल-कॉलेज
- डीपी यादव/राष्ट्रीय परिवर्तन दल/बदायूं/8
- प्रमोद तिवारी/कांग्रेस (सांसद)/प्रतापगढ़/6 से ज्यादा
- माता प्रसाद पांडेय/सपा (पूर्व मंत्री)/सिद्धार्थनगर/5
- राजेश्वर पटेल/कांग्रेस/वाराणसी/5 से ज्यादा
- आजम खान/सपा (पूर्व मंत्री)/रामपुर/1 यूनिवर्सिटी, 3 स्कूल
- आलोक मिश्रा/कांग्रेस/कानपुर/डीपीएस ग्रुप, 4 स्कूल
- राजेश गौतम/बसपा (पूर्व विधायक)/लखीमपुर/4
- चंद्रमणि यादव/सपा (पूर्व ब्लॉक प्रमुख)/मऊ/4
- अक्षय प्रताप सिंह/जनसत्ता दल (एमएलसी)/प्रतापगढ़/3
- राकेश प्रताप सिंह/सपा विधायक/अमेठी/3
नोट: इसके अलावा करीब 20 नेता हैं, जिनके पास 3 या फिर इससे ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
अपना दल और कांग्रेस-बसपा नेताओं के पास भी स्कूल-कॉलेज
अपना दल के टिकट पर प्रयागराज की बारा सीट से जीते वाचस्पति के पास 15 से अधिक स्कूल-कॉलेज हैं।
बदायूं के डीपी यादव के पास 8 स्कूल-कॉलेज हैं। वह सपा-बसपा-भाजपा समेत कई पार्टियों में रह चुके हैं।
अभी उन्होंने राष्ट्रीय परिवर्तन दल बना लिया है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के पास प्रतापगढ़ में 6 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
इसी तरह वाराणसी के कांग्रेस नेता राजेश्वर पटेल के पास 5 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज हैं।
कानपुर के कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा DPS ग्रुप से जुड़े हैं। उनके पास इस वक्त कानपुर में ही 4 स्कूल हैं।
बसपा के पूर्व विधायक लखीमपुर जिले के राजेश गौतम के पास 4 स्कूल-कॉलेज हैं।
यूपी के सबसे ज्यादा स्कूल चेन वाले नेता
सबसे ज्यादा स्कूल-कॉलेज इटावा के शिव प्रसाद यादव के पास मिले। इनके पास 100 से अधिक स्कूल-कॉलेज हैं।
शिव प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर मैनपुरी से चुनाव लड़ा था।
अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बात करते हैं…
बीजेपी नेताओं के पास 5 प्राइवेट यूनिवर्सिटी
यूपी में इस वक्त 31 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। इनमें 5 यूनिवर्सिटी बीजेपी नेताओं की हैं, 3 तो मथुरा में ही हैं।
इनमें नारायण दास अग्रवाल की GLA यूनिवर्सिटी,
सचिन गुप्ता की संस्कृति यूनिवर्सिटी,
जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी की KM यूनिवर्सिटी शामिल है।
इसके अलावा ठाकुर जयवीर सिंह की नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी,
बरेली के महापौर उमेश गौतम की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी भी है।
गोरखपुर की महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी गोरक्षा पीठ ट्रस्ट के अधीन है।
यूपी में डिग्री कॉलेज और यूनिवर्सिटी
डिग्री कॉलेज
- राजकीय महाविद्यालय 172
- सहायता प्राप्त महाविद्यालय 331
- प्राइवेट महाविद्यालय 7,372
- यूनिवर्सिटी
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी 4
- स्टेट यूनिवर्सिटी 21
- डीम्ड यूनिवर्सिटी 10
- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज 30
- प्राइवेट यूनिवर्सिटी 30
- कुल डिग्री कॉलेज 7,875
- कुल यूनिवर्सिटी 65
- 3 सपा और 1 बसपा नेता के पास यूनिवर्सिटी
- सपा के दिग्गज नेता आजम खान के पास जौहर यूनिवर्सिटी है।
इस यूनिवर्सिटी को बनाने के बाद आजम खान पर जमीन कब्जाने के गंभीर मामले दर्ज हुए।आज भी यह मामला कोर्ट में चल रहा है।
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में जेएफ यूनिवर्सिटी है। इसके प्रमुख डॉ. सुकेश यादव हैं।
इसके अलावा एफएफ यूनिवर्सिटी है, जिसके प्रमुख डॉ. दिलीप यादव हैं।
सहारनपुर में बसपा नेता हाजी इकबाल के पास द ग्लोकल यूनिवर्सिटी है।
इन 9 यूनिवर्सिटियों के अतिरिक्त जो 22 यूनिवर्सिटीज हैं, उनके प्रमुख या तो व्यवसायी हैं या फिर शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़े हैं।
ये सभी नेताओं के संपर्क में भी हैं, लेकिन किसी पार्टी से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं।
अब यह जानते हैं कि स्कूल खोलने के नियम क्या हैं? क्या नेता सारे नियम फॉलो कर रहे ?
यूपी के आधे प्राइवेट स्कूल तय नियम के हिसाब से नहीं चल रहे
अगर शहरी क्षेत्र में 5वीं तक का स्कूल खोलना है, तो उसके लिए 500 वर्ग गज (करीब 5000 वर्ग फीट) का खेल का मैदान होना ही चाहिए।
गांव में स्कूल खोलना है तो 1000 वर्ग गज का खेल का मैदान होना चाहिए।
इसके अलावा 270 वर्ग फीट के तीन क्लासरूम, 150-150 वर्ग फीट का एक स्टाफ रूम और एक प्रिंसिपल रूम होना चाहिए।
8वीं तक के स्कूल में 600 वर्ग फीट की एक विज्ञान प्रयोगशाला भी अनिवार्य है।
इन दोनों प्रकार के स्कूलों में एक 400 वर्ग फीट का अलग कमरा होना चाहिए।
शहर में कॉलेज खोलने के लिए 3 हजार वर्ग मीटर और गांव में कॉलेज खोलने पर 6 हजार वर्ग मीटर जमीन होनी चाहिए।
इसके अलावा जमीन की खरीद का एफिडेविट, बिल्डिंग का फिटनेस सर्टिफिकेट, कंप्लीशन सर्टिफिकेट, जल बोर्ड से जल परीक्षण रिपोर्ट, बिल्डिंग का साइट प्लान, बैंक का इश्यू किया गया FD के बदले में नो-लोन सर्टिफिकेट जैसे कुल 17 तरीके के सर्टिफिकेट देने होते हैं।
लेकिन, यूपी में 80% से ज्यादा स्कूल इन मानकों पर खरे नहीं उतरते।
“अब स्कूल-कॉलेज खोलना बहुत महंगा हो गया है। आम आदमी के बस में नहीं है। नेताओं के पास पैसे हैं, उनके पास अलग बिजनेस है, इसलिए वह स्कूल-कॉलेज की तरफ भी तेजी से बढ़े हैं। अब कॉलेज भी बिजनेस हो गया है।”
– एनबी सिंह, रिटायर्ड प्रोफेसर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
नेताओं की अधिकारियों से पहचान, इसलिए ज्यादा स्कूल
इतने सारे परमिशन करवाना आम आदमी के बस में नहीं होता, क्योंकि कई मानक वह पूरा भी नहीं कर पाता।
ऐसी दिक्कत नेताओं के साथ नहीं होती। उनके पास सोर्स और सिफारिश होती है। इसलिए उनकी फाइलें जल्दी पास हो जाती हैं।
एक पैटर्न और भी दिखता है, जिनके पास कई स्कूल-कॉलेज हैं, वह राजनीति में बहुत आक्रामक नहीं हैं।
जैसे ही सरकार बदलती है, उनकी विचारधारा भी बदल जाती है।
उदाहरण के रूप में संतकबीरनगर के जय चौबे को ले सकते हैं। जय चौबे पहले सपा में थे, लेकिन अब वह भाजपा में हैं।
कल पढ़िए स्कूल पार्ट-2 में… स्कूल-कॉलेज नॉन प्रॉफिटेबल फिर नेता कैसे कमा रहे करोड़ों
साभार —दैनिक भास्कर
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