समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 दिसंबर।
मशहूर तबला वादक और भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रतीक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से देश और दुनिया में शोक की लहर है। सोमवार सुबह अमेरिका में उनका निधन हुआ। उन्हें रक्तचाप की समस्या के चलते पिछले सप्ताह एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उस्ताद जाकिर हुसैन, पद्म विभूषण से सम्मानित, महान तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा खां के पुत्र थे और अपने पिता के समर्पित शिष्य भी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद समाचार पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा, “उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित किया और अपनी बेजोड़ लय से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कला भारतीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक थी। उनके प्रदर्शन संगीतकारों और संगीत प्रेमियों की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।”
Deeply saddened by the passing of the legendary tabla maestro, Ustad Zakir Hussain Ji. He will be remembered as a true genius who revolutionized the world of Indian classical music. He also brought the tabla to the global stage, captivating millions with his unparalleled rhythm.…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2024
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि जाकिर हुसैन का संगीत हमेशा अमर रहेगा। उन्होंने कहा कि देश ने एक सांस्कृतिक धरोहर को खो दिया है। अपने असाधारण प्रदर्शन से जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने इसे कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि जाकिर हुसैन ने तबले को विश्व मंच पर स्थापित किया। उन्होंने अपनी बहुआयामी प्रतिभा और समर्पण से भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “उस्ताद जाकिर हुसैन के बिना संगीत की दुनिया अधूरी रह जाएगी। उनकी अनुपस्थिति एक बड़ा शून्य छोड़ गई है।”
ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज ने उन्हें उनकी विनम्रता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए याद किया। उन्होंने कहा, “जाकिर हुसैन न केवल भारत के महानतम संगीतकारों में से एक थे, बल्कि उन्होंने कई संगीतकारों के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की।”
उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत, उनकी विलक्षण प्रतिभा और उनका व्यक्तित्व संगीत प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा। उनके जाने से भारतीय संगीत जगत में जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना संभव नहीं होगा।
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