“भारत में बहुहितधारकवाद इस बात की आधारशिला होगी कि नीति, विनियमन और प्रौद्योगिकी परिदृश्य में इंटरनेट का भविष्य किस प्रकार का आकार लेगा”: मंत्री राजीव चंद्रशेखर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6दिसंबर।केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2023 को संबोधित किया और अध्यक्षीय भाषण दिया। इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) का तीसरा संस्करण यहां नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस वर्ष उक्त फोरम का विषय वैश्विक डिजिटल प्रशासन एवं सहयोग के नेतृत्व के लिए “आगे बढ़ना: भारत के डिजिटल एजेंडे को अंशांकित करना (मूविंग फॉरवर्ड : कैलिब्रेटिंग भारत्स डिजिटल एजेंडा) ” था और इसके उप-विषयों में भारत के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीले साइबरस्पेस का निर्माण, भारत के विकासात्मक लक्ष्यों के लिए नवाचार को सक्षम करना, विभाजन को पाटना और भारत के डिजिटल एजेंडे को अंशांकित (कैलिब्रेट) करना शामिल था।
इस अवसर पर बोलते हुए राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “यह निश्चित रूप से एक संकेत है कि भारत में बहुहितधारकवाद (मल्टीस्टेकहोल्डरिज्म) परिपक्व होने के साथ-साथ शक्तिशाली बन रहा है। कई लोगों ने इसके लिए यह सुनिश्चित करते हुए संघर्ष किया है कि जब हम इंटरनेट के भविष्य पर चर्चा करते हैं तब इंटरनेट और इसके विकास से प्रभावित व्यक्तियों के विविध स्वरों को भी विचारविमर्श के समय पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए । भारत में बहुहितधारकवाद इस बात की आधारशिला होगी कि नीति वार , विनियमन और प्रौद्योगिकी के परिदृश्य में इंटरनेट का भविष्य कैसे और किस प्रकार का आकार लेगा । भारत निश्चित रूप से डिजिटल क्षेत्र में तेजी से विकास की राह पर है। वर्तमान में, हम दुनिया में सबसे बड़े जुड़े हुए लोकतंत्र और वास्तव में वैश्विक इंटरनेट पर सबसे बड़े जुड़े हुए लोगों के समूह के रूप में खड़े हैं।
मंत्री महोदय ने आगे कहा कि “भारत अध्ययन का एक ऐसा मामला (केस स्टडी) है जिसमें उभरती प्रौद्योगिकियां और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का समावेशन, सशक्तिकरण, कम उपलब्धता को अधिक बनाने, प्रत्येक युवा भारतीय को सशक्त बनाने के साथ ही नवाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हालाँकि, साथ ही, यह सुनिश्चित भी सुनिश्चित हो रहा है कि सभी उपभोक्ताओं और डिजिटल नागरिकों के पास एक ऐसे सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट तक पहुंच हो जो इंटरनेट जो खुला रहता है और जहां मध्यस्थ एवं प्लेटफ़ॉर्म अपने आचरण के लिए उत्तरदायी होने के साथ ही भारतीय कानून के तहत किसी भी प्रकार की संभावित क्षति के लिए भी उत्तरदायी होते हैं। ”
तीसरे संस्करण के बारे में बताते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिव एस कृष्णन ने अपने विशेष भाषण में भारत के डिजिटल प्रक्षेपवक्र (ट्रेजेक्ट्री) को आगे बढ़ाने में सहयोगात्मक चर्चाओं और रणनीतिक पहलों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में आईआईजीएफ 2023 की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल परिदृश्य की उभरती चुनौतियों का समाधान करने, समावेशी पहुंच को बढ़ावा देने और वैश्विक डिजिटल प्रशासन में भारत के नेतृत्व की पक्षधरता करने में मंच की भूमिका पर बल दिया। एस कृष्णन ने इंटरनेट की जटिलताओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बहुहितधारकवाद के महत्व को भी रेखांकित किया। इसके अलावा, उन्होंने बहुभाषी इंटरनेट को बढ़ावा देने और डिजिटल विभाजन ( डिजिटल डिवाइड) को पाटने के लिए अंतर्राष्ट्रीयकृत डोमेन नाम (आईडीएन) की शुरूआत जैसी पहल के महत्व को स्वीकार किया। अंत में, उन्होंने इसे भारत के डिजिटल रूप से सशक्त भविष्य को आकार देने की परिकल्पना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में लेते हुए सभी प्रतिभागियों से इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) 2023 के दौरान रचनात्मक संवाद, सहयोग और ज्ञान-साझाकरण में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया ।
इसके अलावा एमईआईटीवाई में संयुक्त सचिव सुशील पाल ने अपने स्वागत भाषण में आईआईजीएफ 2023 जैसे बहुहितधारक (मल्टीस्टेकहोल्डर) प्लेटफॉर्म के महत्व को साझा करते हुए यह सुनिश्चित करने में भारत के अग्रणी हितधारक समुदाय की कड़ी मेहनत पर प्रकाश डाला और कहा कि कि इंटरनेट के प्रमुख घटक खुले, सुलभ, सुरक्षित, और लचीले रहने चाहिए । उन्होंने उभरती प्रौद्योगिकियों की डिजिटल असुरक्षाओं और उन कमजोरियों को गहरा करने की प्रवृत्ति के प्रति आगाह किया, जिनसे व्यक्तिगत डेटा के बार-बार उल्लंघन और साइबर हमलों का खतरा बना रहता है। सुशील पाल ने डिजिटल इंडिया के भविष्य की जटिलताओं को प्रतिबिंबित करने, उनका आकलन करने के साथ-साथ संकल्पना करने के लिए समय पर हस्तक्षेप के रूप में इस वर्ष की आईआईजीएफ विषयवस्तु (थीम) की उपयुक्तता पर जोर दिया। उन्होंने हितधारकों से इस आयोजन में गहन और सूक्ष्म भागीदारी के लिए एक स्वागत योग्य आह्वान के साथ अपनी बात का समापन किया I
इस कार्यक्रम में इंटरनेट कॉर्पोरेशन फ़ॉर असाइंड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएनएन) की अंतरिम अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैली कॉस्टर्टन उपस्थित थीं, जिन्होंने उल्लेख किया कि आईसीएएनएन डिजिटल विभाजन (डिजिटल डिवाइड) को कम करने और डिजिटल समावेशन (डिजिटल इनक्लूजन) को बढ़ावा देने में भारत सरकार के साथ काम करने और उसका समर्थन करने में प्रसन्न है । उन्होंने मल्टीस्टेकहोल्डर इंटरनेट गवर्नेंस और बहुभाषी इंटरनेट में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया ।
आईआईजीएफ 2023 के अध्यक्ष और नेशनल इन्टरनेट एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनआईएक्सआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवेश त्यागी ने आईआईजीएफ 2023 से प्राप्त निष्कर्षों के बारे में जानकारी प्रदान की और इसे संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम से जुड़े एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में चिह्नित किया।
समापन समारोह में संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम में बहुहितधारक परामर्शदात्री समूह (यूएन आईजीएफ एमएजी) की अध्यक्ष कैरोल रोच; आईटी फॉर चेंज की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक अनीता गुरुमूर्ति तथा अंतर्राष्ट्रीय सरकारी मामले, इंटेलकी उपाध्यक्ष सारा केम्प सहित इस क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित थीं ।
आईआईजीएफ के बारे में:
भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (यूएन-आईजीएफ) से जुड़ा है, जो इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर चर्चा करने के उद्देश्य से प्रतिनिधियों के लिए एक बहु-हितधारक मंच के रूप में कार्य करता है।
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