डिजिटल अरेस्ट स्कैम में रिटायर्ड प्रिंसिपल से ठगे गए 1.02 करोड़ रुपये

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 2 जून: मुंबई के कोलाबा पुलिस और सीबीआई के नाम पर एक डिजिटल अरेस्ट स्कैम में केंद्रीय विद्यालय की सेवानिवृत्त प्राचार्य नंदिनी चिपलूनकर से 1.02 करोड़ रुपये की ठगी की गई। ठगों ने उन पर जेट एयरवेज के नरेश गोयल से आर्थिक लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया।

अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) राजेश दंडोतिया के अनुसार, 27 अप्रैल को नंदिनी चिपलूनकर को एक फोन कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनकी सिम कार्ड बंद की जा रही है। इसके बाद कॉल करने वालों ने खुद को कोलाबा पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि उन पर 267 एफआईआर दर्ज हैं और उन पर कानूनी कार्रवाई हो रही है। उन्हें दो दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया और मानसिक दबाव बनाकर 1 करोड़ रुपये एक फर्जी खाते में जमा करवाए गए।

डीसीपी दंडोतिया ने सोमवार को एएनआई से बातचीत में बताया, “27 अप्रैल को नंदिनी जी, जो केंद्रीय विद्यालय की पूर्व प्राचार्य हैं, को कॉल आया कि उनकी सिम डिएक्टिवेट की जा रही है। कॉल करने वालों ने कहा कि उनके खिलाफ 267 एफआईआर हैं… और उन्हें पूरी रात डिजिटल अरेस्ट में रखा गया।”

अगले दिन जब नंदिनी चिपलूनकर ने 50 लाख रुपये की एफडी तुड़वाने के लिए बैंक में संपर्क किया, तो सतर्क बैंक प्रबंधक को शक हुआ। प्रबंधक ने उन्हें बताया कि सर्वर डाउन है और अगली सुबह आने को कहा। इसके बाद बैंक ने तत्काल अपराध शाखा को सूचना दी।

डीसीपी दंडोतिया ने बताया, “जब वह एफडी तुड़वाने आईं, तो बैंक मैनेजर ने उनके चेहरे के भाव देखकर खतरे को भांप लिया। उन्होंने बहाना बनाया कि सर्वर डाउन है और फिर तुरंत मुझे सूचना दी। हमने नंदिनी जी से बात की और उन्हें समझाया कि यह एक फर्जी कॉल थी। शुरुआत में उन्होंने फोन बंद कर दिया, लेकिन दो दिन बाद फिर से कॉल आने लगे। हमने व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलकर समझाया कि यह डिजिटल अरेस्ट स्कैम है। सौभाग्य से सतर्क बैंकिंग व्यवस्था के चलते उनका एफडी का पैसा बच गया।”

क्राइम ब्रांच ने नंदिनी चिपलूनकर की शिकायत दर्ज कर ली है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। पुलिस आरोपी की पहचान के प्रयास कर रही है।

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