मध्य प्रदेश: जिला अस्पताल में दिनदहाड़े छात्रा की हत्या, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

समग्र समाचार सेवा
नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश), 1 जुलाई: राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा पर उस वक्त गहरे सवाल खड़े हो गए जब 27 जून को नरसिंहपुर के सरकारी जिला अस्पताल में एक 19 वर्षीय छात्रा की दिनदहाड़े नृशंस हत्या कर दी गई। दिल दहला देने वाली यह घटना अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में हुई, जहां कक्षा 12 की छात्रा संध्या चौधरी को एक युवक ने सरेआम मौत के घाट उतार दिया — और कोई उसे रोकने नहीं आया।

सोमवार को सामने आए मोबाइल फुटेज में देखा गया कि आरोपी अभिषेक कोश्टी ने पहले संध्या को थप्पड़ मारा, फिर जमीन पर पटककर उसकी छाती पर बैठ गया और चाकू से गला रेत दिया। चारों ओर मौजूद अस्पताल कर्मी और मरीजों के परिजन तमाशबीन बने रहे। कुछ लोग तो उसके पास से गुजरते हुए चले गए, जबकि संध्या अस्पताल के फर्श पर खून से लथपथ पड़ी रही।

यह पूरी घटना अस्पताल के इमरजेंसी विंग में हुई — डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों के महज कुछ मीटर की दूरी पर। हमलावर करीब 10 मिनट तक वारदात को अंजाम देता रहा। इसके बाद उसने खुद का गला रेतने की कोशिश की, असफल रहा, बाइक स्टार्ट की और मौके से फरार हो गया।

हत्या के वक्त ट्रॉमा सेंटर के बाहर दो सुरक्षा गार्ड तैनात थे, वहीं अंदर डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय सहित कई स्टाफ मौजूद थे — लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होती दिखी।

घटना के बाद अस्पताल में भर्ती 11 मरीजों में से आठ ने उसी दिन छुट्टी ले ली, जबकि बाकी ने अगली सुबह अस्पताल छोड़ दिया। डरे हुए परिजनों और मरीजों ने अस्पताल को असुरक्षित करार दिया।

संध्या ने उस दिन दोपहर 2 बजे घर से यह कहकर निकली थी कि वह अपनी एक दोस्त की भाभी से मिलने अस्पताल जा रही है, जो प्रसूति वार्ड में भर्ती थी। अभिषेक कोश्टी, जो उस पर आसक्त था, दोपहर से ही अस्पताल परिसर में मंडरा रहा था। दोनों की रूम नंबर 22 के बाहर थोड़ी बातचीत हुई, जिसके बाद विवाद ने खौफनाक मोड़ ले लिया। चाकू के गहरे वार से संध्या की मौके पर ही मौत हो गई।

परिवार को घटना की सूचना करीब 3:30 बजे दी गई। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, संध्या का शव अपराध स्थल पर ही पड़ा था। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दिया। यह विरोध देर रात 10:30 बजे शांत हुआ, लेकिन रात 2 बजे तक तनाव बना रहा। अधिकारियों ने जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर स्थिति को नियंत्रित किया।

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