नासा ने पूरा किया डार्ट मिशन, अब पृथ्वी को नहीं कोई खतरा, देखें वीडियो

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27सितंबर। नासा ने इतिहास बदल दिया है. पहली बार किसी प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट यानी डार्ट मिशन (Dart Mission) को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इससे अब भविष्य में कभी भी धरती पर अगर किसी भी तरह के एस्टेरॉयड के टकराने की आशंका होती है, तो इस तकनीक से पृथ्वी को बचाया जा सकता है. हमारी पृथ्वी को अगर किसी से सबसे ज्यादा खतरा है तो वो है एस्टेरॉयड से. इसके बाद अगर कोई खतरा है, तो वो है जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वॉर्मिंग से.

डार्ट मिशन ने 27 सितंबर 2022 यानी सुबह 4.45 मिनट पर मिशन को पूरा किया, जब एस्टेरॉयड डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस से टकराया. इसके बाद डार्ट (Double Asteroid Redirection Test ) और वैज्ञानिकों का बड़ा मकसद पूरा हुआ, जिससे वैज्ञानिकों की खुशी देखने लायक थी, जब नासा के स्पेसक्राफ्ट ने एस्टेरॉयड से टक्कर कर ली. डाइमॉरफोस किस दिशा में मुड़ा है. इसका डेटा आने में अभी थोड़ा समय लगेगा.

डाइमॉरफोस अगर अपनी दिशा और कक्षा बदलता है तो भविष्य में धरती पर किसी तरह का ऐसा खतरा नहीं रहेगा जो अंतरिक्ष से हमारी तरफ आए और नुकसान पहुंचाए. डार्ट मिशन के स्पेसक्राफ्ट ने करीब 22,530 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से डाइमॉरफोस से टकराया. टक्कर से ठीक पहले डार्ट मिशन ने डाइमॉरफोस और एस्टेरॉयड डिडिमोस के वातावरण, मिट्टी, पत्थर और सरंचना की स्टडी भी की. इसमें काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक का उपयोग किया गया था.

डिडिमोस का व्यास कुल 2600 फीट है. डाइमॉरफोस इसके चारों तरफ चक्कर लगाता है. उसका व्यास 525 फीट है. टक्कर के बाद दोनों पत्थरों के दिशा और गति में आए बदलावों की स्टडी की जाएगी.

नासा ने पृथ्वी के चारों तरफ 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) रिकॉर्ड किए हैं. यानी ऐसे पत्थर जो धरती को खतरा पहुंचा सकते हैं. इनमें से कुछ 460 फीट व्यास से ज्यादा बड़े हैं. यानी इनमें से एक भी पत्थर धरती पर गिरता है तो वह अमेरिका के एक राज्य को बर्बाद कर सकता है. समुद्र में गिरा तो यह साल 2011 में जापान में आई सुनामी से ज्यादा भयानक आपदा ला सकता है.

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