NASA की चेतावनी: 540 फीट का विशालकाय क्षुद्रग्रह 77,282 किमी/घंटा की रफ्तार से 26 मार्च 2026 को पृथ्वी के पास से गुजरेगा

समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन,21 मार्च।
NASA ने एक नई चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 540 फीट चौड़ा एक विशालकाय क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला है। इस क्षुद्रग्रह को 2025 XX नाम दिया गया है और यह 26 मार्च 2026 को पृथ्वी के पास से 77,282 किलोमीटर प्रति घंटे (48,000 मील प्रति घंटे) की अविश्वसनीय गति से गुजरेगा। हालांकि, यह पृथ्वी से करीब 50 लाख किलोमीटर की दूरी (जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का 13 गुना है) से गुजरेगा, लेकिन इसकी गति और आकार ने खगोलविदों और अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए चिंता बढ़ा दी है।

इतने बड़े क्षुद्रग्रह आमतौर पर दुर्लभ होते हैं, और हालांकि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना बेहद कम है, फिर भी इसका विशाल आकार और तेज गति इसे एक संभावित खतरा बनाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, 540 फीट के इस क्षुद्रग्रह की टक्कर से मेगाटन स्तर की ऊर्जा निकल सकती है, जो बड़े भूकंप, सुनामी और वैश्विक पर्यावरणीय प्रभाव पैदा कर सकती है। इस तरह की टक्कर से बड़े पैमाने पर आग लग सकती है, और वायुमंडल में धूल व मलबा फैल सकता है, जिससे महीनों या वर्षों तक जलवायु प्रभावित हो सकती है।

NASA के प्लैनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस (PDCO) ने इस क्षुद्रग्रह पर बारीकी से नजर रखी हुई है। 2025 XX को इसी साल खोजा गया था, और इसकी कक्षा इसे 2026 में पृथ्वी के सबसे करीब ले आएगी। हालांकि यह 50 लाख किलोमीटर दूर रहेगा, फिर भी इसका आकार, गति और कक्षीय पथ इसे एक “संभावित खतरनाक वस्तु” (Potentially Hazardous Object – PHO) की श्रेणी में डालता है, जिसे लगातार निगरानी की जरूरत है। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी भी छोटे बदलाव से इसकी दिशा प्रभावित हो सकती है, जिससे यह गंभीर खतरा बन सकता है।

NASA के PDCO निदेशक डॉ. लिंडी एल्किन्स-टेंटन ने कहा,
“हम दुनिया भर में फैले अपने वेधशाला नेटवर्क से 2025 XX की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल यह पृथ्वी के लिए खतरा नहीं है, लेकिन इसका आकार, गति और निकटता इसे हमारे अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। हम इसकी कक्षा और प्रभाव की संभावनाओं को और अधिक स्पष्ट करने के लिए अपने विश्लेषण को जारी रखेंगे।”

यह क्षुद्रग्रह 26 मार्च 2026 को जब पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब यह 77,282 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा होगा। भले ही यह पृथ्वी से काफी दूर रहेगा, लेकिन इसकी ऊर्जा और प्रभाव क्षमता इसे एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना बनाती है।

NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां आने वाले महीनों में ग्राउंड-आधारित टेलीस्कोप और अंतरिक्ष वेधशालाओं की मदद से इस क्षुद्रग्रह के मार्ग का अधिक सटीक अध्ययन करेंगी। दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां ग्रहों की रक्षा के लिए कई संभावित उपायों पर विचार कर रही हैं, जिनमें “काइनेटिक इम्पैक्टर” (Kinetic Impactor) तकनीक शामिल है। इस रणनीति के तहत एक अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह से टकराकर उसकी दिशा बदलने के लिए भेजा जा सकता है। NASA पहले ही DART मिशन के तहत 2022 में एक छोटे क्षुद्रग्रह की कक्षा को बदलकर इस तकनीक की सफलता साबित कर चुका है।

फिलहाल इस क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना बेहद कम है, लेकिन NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां सतर्क बनी हुई हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि अंतरिक्षीय खतरों को रोकने के लिए निरंतर वैज्ञानिक अनुसंधान की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी, सहयोग और नवाचार आवश्यक हैं।

संक्षेप में, मार्च 2026 में 2025 XX का पृथ्वी के पास से गुजरना कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, लेकिन इसका आकार, गति और निकटता यह दर्शाते हैं कि ब्रह्मांडीय पिंड पृथ्वी के लिए कितने बड़े खतरे बन सकते हैं। यह घटना अंतरिक्षीय अनुसंधान और ग्रह रक्षा में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

अब सभी की नजरें NASA और अन्य एजेंसियों पर हैं, जो आने वाले महीनों में इस क्षुद्रग्रह की निगरानी जारी रखेंगी। क्या भविष्य में यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन वैज्ञानिक प्रयास जारी हैं—और दुनिया इसकी हर अपडेट का इंतजार कर रही है!

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