राष्ट्रप्रथम– सौ वर्षों की कामना: भारत 2047

पार्थसारथि थपलियाल
पार्थसारथि थपलियाल

 

 

 

 

 

वेदों में कई तरह की कामनाएं पढ़ने को मिलती हैं। अथर्ववेद में इसी तरह की कुछ कामनाएं हैं।

  • जीवेम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्ष तक जीवित रहें।
  • पश्येम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्षों तक देखते रहे।
  • बुध्येम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्ष तक बुद्धि युक्त रहे।
  • रोहेम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्ष तक वृद्धि करते रहे।
  • पुषेम शरदः शतम- हे सूर्य हम सौ वर्ष तक पुष्ट रहें।
  • संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते।। अर्थात- हम सब एक साथ चलें; एक साथ बोलें; हमारे मन एक हों।

प्राचीन समय में देवताओं का ऐसा आचरण रहा इसी कारण वे वंदनीय हैं।
ऐसी कामनाएं सनातन संस्कृति में मिलती हैं। अन्य संस्कृतियों को जितना मैं जान सका निराशा ही हाथ लगी। सनातन धर्म कम से कम 1960853110 वर्ष पुराना है। 8000 वर्ष पुराने तो कई प्रमाण अभी भी मौजूद हैं। भारत 1947 में अंग्रेज़ी शासन से मुक्त हुआ। इसका यह अर्थ न लें कि भारत की आयु अभी 75 वर्ष है।

स्वाधीनता के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, न कि भारत के। सनातन धर्म सृष्टि के साथ का धर्म है। पंचनद शोध संस्थान ने भारतीय स्वाधीनता के अमृतमहोत्सव वर्ष के दौरान कल्पना की कि जब भारत की आज़ादी की शत वार्षिकी मनाई जाएगी उस समय का कैसा हो? बड़े बड़े विद्वानों ने अपने लेख लिखे। पुस्तक का नाम “भारत- 2047..सामुहिक संकल्पना”। पुस्तक का संपादन किया है संस्थान के अध्यक्ष प्रो.बृजकिशोर कुठियाला नें। राष्ट्रीय भावों से परिपूर्ण पठनीय लेख इस पुस्तक में है। लेखों में जो भवाना है वह स्पष्ट है कि सन 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के सौ वर्ष मनाए उस समय तक भारत का विकास इतना हो जाय कि पूरी दुनिया में उसका स्थान नेतृत्व प्रदान करने योग्य हो।
एक अन्य संगठन ने 2047 तक अपने सपनों को पूरा करने की वैश्विक कार्ययोजना तैयार की है। संगठन का नाम है- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)। इस संगठन का पूर्व नाम था स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI).। सिमी 1956 में प्रतिबंधित जमायत ए इस्लाम का पुनर्जीवन था जिसे 1977 में अलीगढ़ में छात्रों के माध्यम से पनपाया गया। यह संगठन कई आतंकी घटनाओं में संलिप्त रहा जिस कारण सरकार ने 2001 में इसे सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया। भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए 2002 में इंडियन मुजाहिदीन नाम से संगठन बनाया। इसने अनेक बमविस्फोटों /आतंकी गतिविधियों में अपनी पहचान बनाई। इंडियन मुजाहिदीन द्वारा भेजे गए ईमेल में दावा किया गया कि वे निम्नलिखित आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे।

2007 उत्तर प्रदेश बम विस्फोट, 13 मई 2008 जयपुर बम विस्फोट, 2008 बैंगलोर सीरियल ब्लास्ट, 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट, 13 सितंबर 2008 दिल्ली बम विस्फोट, 2010 पुणे बमबारी, 2010 जामा मस्जिद पर हमला, 2010 वाराणसी बमबारी, 2011 मुंबई सीरियल ब्लास्ट, 2013 बोधगया विस्फोट, 2010 में इंडियन मुजाहिदीन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस बीच भारत का इस्लामीकरण करने के लिए नए नाम से एक चरमपंथी संगठन “पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया” गठित किया गया।

इसका लक्ष्य है संविधान और शासन का सहारा लेकर भारत मे चरमपंथ के लिए 10 प्रतिशत युवाओं को प्रशिक्षण देकर तैयार करना। धीरे धीरे दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों का अपने साथ जोडना, चुनावों में भाग लेना। सत्ता पर कब्जा करते ही भारत मे इस्लामी राज्य स्थापित करना। जरूरत पड़ने पर तुर्की सहित इस्लामी देशों से सहायता मांगना और डरपोक बहुसंख्यकों को घुटने टिका देना।

इसके लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया जिसे SDPI नाम से जाना जाता है, की स्थापना की। नूपुर शर्मा को टी वी डिबेट में उकसाने वाला तस्लीम रहमानी इसी पार्टी का जनरल सेक्रेटरी रहा, संभवतः इन दिनों रहमानी ने अपना पद त्याग दिया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कामना है 2047 में जब भारत की स्वाधीनता के सौ साल हों उस समय हम भारत को इस्लामी राष्ट्र बना चुके हों।

यह लिखने का उद्देश्य यह है कि “सौ साल का भारत 2047” के लिए कामना करने के दो दृष्टिकोण कितना अंतर लिए है। क्या कभी भारत भूमि की संतानें इसके मर्म को समझ पाएंगी।
।। माता भूमि पुत्रोहम पृथिव्या।।

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