आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को अपनाने में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एक कार्यशाला का आयोजन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1नवंबर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने 28 अक्टूबर 2022 को देश भर में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को तेजी से अपनाने में सक्षम बनाने के लिए राज्य मिशन निदेशकों, आईआरडीएआई, डब्ल्यूएचओ, हेल्थ इंडस्ट्री लीडर्स, हेल्थ टेक कंपनियों, विकास संगठनों, भागीदार गैर सरकारी संगठनों आदि जैसे हितधारकों के साथ आवश्यक कदमों पर विचार-मंथन करने के लिए बेंगलुरु में एक कार्यशाला का आयोजन किया। श्री नंदन नीलेकणी, इंफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष यूआईडीएआई की उपस्थिति में डॉ. आर.एस. शर्मा, सीईओ एनएचए द्वारा संक्षिप्त में कार्यक्रम का संदर्भ बताने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
आयोजन के हिस्से के रूप में, टीम ने अस्पताल द्वारा अपनाई गई एबीडीएम सक्षम प्रक्रियाओं और उनके जमीनी स्तर पर प्रभाव के बारे में जानने के लिए बेंगलुरु के सी.वी. रमन जनरल अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल ने हाल ही में क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण सेवा लागू की थी जिससे उन्हें ओपीडी ब्लॉक में वेटिंग टाइम को काफी कम करने में मदद मिली है।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने एबीडीएम के तहत नवीनतम विकास पर चर्चा की जो स्वास्थ्य क्षेत्र में सही अंतर-संचालन को सक्षम करेगा और एबीडीएम को प्रभावी ढंग से अपनाने से यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) की दिशा में मार्ग प्रशस्त होगा।
कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश, जो एबीडीएम के शुरुआती अंगीकार करने वाले राज्यों में रहे हैं, उनके राज्य मिशन निदेशकों ने सार्वजनिक अस्पतालों में और राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में एबीएचए के निर्माण और स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने से अपने अनुभवों और सीखों को साझा किया।
सरकार की ओर से प्रयासों के बारे में बात करते हुए, क्षमता निर्माण आयोग और भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष श्री आदिल ज़ैनुलभाई ने क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण जैसे अधिक उपयोग वाली व्यवस्था को विकसित करके डिजिटल हेल्थ ईकोसिस्टम को मजबूत करने और पॉलिसी फ्रेमवर्क पर काम करके एबीडीएम को अपनाने के लिए एक पुल-फैक्टर के रूप में तैयार करने की बात कही। एबीडीएम के एचसीएक्स की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए, आईआरडीएआई के मुख्य महाप्रबंधक सुश्री येगनाप्रिया भरत ने बताया कि लाभ के रूप में स्वास्थ्य बीमा क्लेम की तेजी से प्रोसेसिंग बीमा क्षेत्र के प्लेयर्स को योजना को अपनाने के लिए कैसे आकर्षित कर सकता है।
निजी क्षेत्र से, एबीडीएम सक्षम सुविधाओं जैसे एसआरएल लैब्स, अपोलो अस्पताल और नारायण हृदयालय के प्रतिनिधियों ने अपने विजन और इस योजना को सक्रिय रूप से अपनाने में आने वाली चुनौतियों के साथ-साथ उन्हें संबोधित करने के लिए आवश्यक कदमों को साझा किया। एबीडीएम ने एचएमआईएस, एलआईएमएस, टेलीकंसल्टेशन और अन्य डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को कैसे सक्षम किया है, इस पर अपने विचारों के साथ क्रेलियोहेल्थ, प्लस91 और प्रैक्टो प्रौद्योगिकी प्रदाता पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और अधिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को जोड़ने और व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में योगदान कर सकते हैं।
डॉ. बसंत गर्ग, एडिशनल सीईओ, एनएचए ने डॉक्टरों के साथ एक समर्पित सत्र का संचालन किया जो योजना के एक प्रमुख स्टेकहोल्डर सेगमेंट का हिस्सा हैं। सहमती, ड्रिफकेस, आईएचएक्स, एककेयर, पेटीएम और सत्तवा जैसे निजी इंटीग्रेटर्स के प्रतिनिधियों ने भी एबीडीएम को अपनाने को बढ़ाने पर अपने विचार और नए आइडियाज को साझा किया।
कार्यशाला का समापन करते हुए, डॉ. आर.एस. शर्मा, सीईओ, एनएचए ने कहा- “एबीडीएम तकनीकी क्षमताओं की कई परतों और हितधारकों के एक विशाल समूह वाली एक जटिल योजना है। उन सभी को एक साथ लाना और सहयोग के लिए एक मंच तैयार करना मुख्य चुनौती है। हालांकि, योजना को अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों के बीच पारस्परिकता काफी महत्वपूर्ण है। इस कार्यशाला ने हमें हितधारकों के दृष्टिकोण को एक साथ लाने में मदद की और हम भविष्य में कुछ और सामूहिक विचार-मंथन सत्र आयोजित करने का इरादा रखते हैं। यह सीखने का एक शानदार अनुभव रहा है क्योंकि हम एबीडीएम के मिशन मोड कार्यान्वयन के लिए तत्पर हैं।”
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