नेशनल हेराल्ड बम! ईडी का बड़ा दावा: सोनिया-राहुल को हुए 142 करोड़ रुपये के फायदे – कोर्ट में फटा भ्रष्टाचार का बम
जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,21 मई । नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सियासी गलियारों में तूफान बनकर लौट आया है, और इस बार मामला सीधे कांग्रेस की शीर्ष कमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक जा पहुंचा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में एक बड़ा और सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि सोनिया और राहुल गांधी को इस पूरे घोटाले से करीब 142 करोड़ रुपये का सीधा लाभ हुआ है।
ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में पेश दस्तावेजों और दलीलों में कहा कि नेशनल हेराल्ड की आड़ में कांग्रेस पार्टी की पूंजी और जनता के विश्वास का खुला दोहन किया गया। आरोप है कि यंग इंडियन नाम की कंपनी के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां हड़पी गईं और उसका नियंत्रण गांधी परिवार के हाथों में केंद्रित कर दिया गया।
“142 करोड़ रुपये का सीधा वित्तीय लाभ यंग इंडियन को मिला, जिसकी 76% हिस्सेदारी सोनिया और राहुल गांधी के पास है। यह मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि नैतिक पतन की मिसाल है,” – ईडी का कोर्ट में बयान
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार था, जिसे पंडित नेहरू ने आज़ादी के आंदोलन के दौरान शुरू किया था। लेकिन वक्त के साथ इसका प्रकाशन बंद हो गया। ईडी का आरोप है कि कांग्रेस ने AJL के भारी-भरकम कर्ज को माफ कर, यंग इंडियन के हाथों ट्रांसफर कर दिया, जिससे गांधी परिवार को अप्रत्याशित लाभ हुआ।
ईडी ने अदालत में दर्जनों फाइलें, बैंक ट्रांजैक्शन, ईमेल और कंपनियों के रिकॉर्ड पेश किए हैं, जो यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पूरा मामला फर्जीवाड़े और सत्ता के दुरुपयोग का एक जटिल जाल है।
कांग्रेस पार्टी ने ईडी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति का हिस्सा है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि यह पूरा केस “गांधी परिवार की छवि को धूमिल करने की साज़िश” है।
अब सबकी नजरें अदालत की अगली सुनवाई पर टिकी हैं। क्या सोनिया और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए फिर बुलाया जाएगा? क्या ईडी चार्जशीट दाखिल करने की ओर बढ़ेगी? और सबसे बड़ा सवाल—क्या यह केस 2024 की सियासत को हिला कर रख देगा?
नेशनल हेराल्ड केस अब सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि कांग्रेस की साख और नेतृत्व की अग्निपरीक्षा बन चुका है।
142 करोड़ रुपये का यह आरोप सत्ता और विपक्ष के बीच एक नए सियासी युद्ध का बिगुल बजा चुका है।
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