NCERT ने क्लास 8 की इतिहास किताब पर कट्टर टिप्पणी का किया खंडन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 जुलाई: कक्षा 8 की NCERT पुस्तक “Exploring Society, India and Beyond” में बाबर को निर्दयी, अकबर का शासन मिश्रित व औरंगज़ेब को विध्वंसक बताने को लेकर अचानक बहस शुरू हो गई। मिल रही आलोचनाओं को झेलते हुए NCERT ने बुधवार को स्पष्ट किया कि यह सामग्री “प्राथमिक और माध्यमिक वैज्ञानिक स्रोतों” पर आधारित है और इसका मकसद छात्रों को भारत के इतिहास को आलोचनात्मक दृष्टि से समझना है, न कि किसी के प्रति नकारात्मक भाव जगाना।

विशेष रूप से पृष्ठ 20 पर लिखा नोट इस दृष्टिकोण को समर्थन देता है। यह छात्रों को बताता है कि इतिहास की कठोर घटनाओं का उपयोग वर्तमान के लोगों को दोष देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

इतिहास का नया दृष्टिकोण, सिर्फ तारीखों का संग्रह नहीं

NCERT ने कहा कि किताब में कक्षा 8 का अंतिम वर्ष होने के नाते छात्रों को 13वीं से मध्य-19वीं शताब्दी के बीच भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परतों को व्यापक रूप से समझाया गया है। सिर्फ तारीखें और नाम नहीं बल्कि विचारों की बहुआयामी समझ विकसित करने का प्रयास किया गया है।

पुस्तक बुद्धिजीवी और बहु-विषयी तरीके से तैयार की गई है ताकि विद्यार्थियों के अंदर इतिहास की वित्त, शासन और जीवन स्तर जैसी अवधारणाओं की समझ जाग्रत हो।

भयावह इतिहास पर सावधानीपूर्वक पाठ

किताब में जहाँ दिल्ली सल्तनत के धार्मिक असहिष्णुता, बाबर की विजय और औरंगज़ेब के प्रशासन को सतही रूप में प्रस्तुत किया गया है, वहीं छात्रों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि इसका आधुनिक समय से कोई संबंध नहीं है। यह दिशानिर्देश इस भयावह इतिहास को समझाने के दौरान पूर्वाग्रह और गलत धारणाओं से बचने के लिए है।

NCERT का कहना है, “पेज 20 पर दिया गया यह नोट किताब की सोच को स्पष्ट करता है। पूरे पुस्तक को इसी नजरिए से देखना चाहिए।

शिक्षा नीति और बहुआयामी बदलाव

NCERT ने यह भी उल्लेख किया कि यह किताब NEP‑2020 और NCF‑SE‑2023 की दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार की गई है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में आलोचनात्मक, बहु-विषयी और सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण अध्ययन की भावना को जाग्रत करना है।

एक समझदार जानकार बताता है कि इस प्रकार की सामग्री से छात्रों को इतिहास को संदर्भ में देखकर सोचना और समझना सिखाया जाता है।

 

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