NDA में सीट बंटवारे पर चिराग की पार्टी बना रही दबाव

समग्र समाचार सेवा
पटना, 8 अक्टूबर: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी दलों की निगाहें उम्मीदवारों की घोषणा पर टिकी हैं। इस बार का चुनाव राजनीतिक दलों के बजाय गठबंधनों के बीच लड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व में महागठबंधन और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेतृत्व में NDA चुनावी मैदान में हैं।

हालांकि, सत्तारूढ़ NDA में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) अपनी ताकत दिखाते हुए अधिक से अधिक सीटें हासिल करने की कोशिश में लगी है। साथ ही, जीतन राम मांझी की पार्टी भी अपनी मांगों को लेकर सक्रिय है।

पिता की पुण्यतिथि पर चिराग का श्रद्धांजलि संदेश

लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह उनके दिखाए मार्ग और “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के सपने को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। चिराग ने X पर लिखा, “पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं।”

पार्टी के बिहार प्रमुख वेद प्रकाश पांडे ने भी चिराग पासवान के प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “चिराग फैक्टर बिहार की दिशा तय करता है। अगर हमारी पार्टी 243 सीटों पर चुनाव लड़ती, तो बिहार का जनमानस बुलंदी पर होता। आज बिहार के हर घर, गली और गांव में लोग उनके नीतियों के साथ चलना चाहते हैं।”

एनडीए में सीट बंटवारे की स्थिति

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली JDU और बीजेपी लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही हैं, जिसमें JDU को एक सीट अधिक मिलने की संभावना है। वहीं, चिराग पासवान की LJP ने शुरू में 40 सीटों की मांग की थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।

एनडीए की अन्य सहयोगी पार्टी, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) भी कम से कम 20 सीटें मांग रही है, जबकि उन्हें 10 से कम सीटें मिलने की संभावना है। इसके अलावा, एलजेपी राज्यसभा और विधान परिषद की सीटों के साथ कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्रों की मांग भी कर रही है।

एलजेपी का इतिहास और वर्तमान स्थिति

एलजेपी ने 2015 में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत 43 सीटें हासिल की थीं। बाद में जेडीयू NDA में शामिल हुई, लेकिन 2020 में चिराग की पार्टी गठबंधन से बाहर निकल गई। अकेले चुनाव लड़ते हुए पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली थी। इस बार चिराग की पार्टी अपनी ताकत और रणनीति दिखाते हुए NDA में अधिक सीटें पाने की कोशिश में लगी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी सक्रिय दबाव बना रही है। उनके प्रभाव और युवा नेतृत्व की ताकत ने बिहार की राजनीतिक दिशा को नई दिशा देने की संभावना बढ़ा दी है।

 

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