एनडीए ने पीएम मोदी की सराहना की, ऑपरेशन सिंदूर‑महादेव में साहस का किया सम्मान

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त: मंगलवार को संसद में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए विशेष सम्मान दिया गया। बैठक में पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया का जोरदार समर्थन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 5 अगस्त एक ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि उसी दिन अनुच्छेद370 को निरस्त किया गया था। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार ने संविधान की पूरी भावना के साथ यह निर्णय लिया है।” मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह की भी प्रशंसा की और कहा कि वह इस मंत्रालय में अब तक सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मंत्री बन गए हैं।

मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “विरोधी दल सोच रहा होगा कि क्या उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस मांग कर कोई गलती की। हमें ऐसे विरोध से डर नहीं लगता।”

बैठक के दौरान सांसदों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता व प्रतिबद्धता के सम्मान में एक प्रस्ताव पारित किया। ऑपरेशन महादेव में श्रीनगर के बाहरी इलाके में 28 जुलाई को एलईटी के तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। इस प्रस्ताव के बाद सांसदों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाकर देशभक्ति की भावना जगाई।

यह एनडीए की जून 2024 बाद की दूसरी ऐसी संसदीय बैठक थी, जहां संसद सत्रों के बीच प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेता भी इस दौरान मौजूद थे और उन्होंने मोदी की प्रशंसा की।

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ:

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में, 7 मई को भारत ने पाकिस्तान नियंत्रण वाले कश्मीर तथा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पाकिस्तान ने जब भारत में नागरिक और सैन्य ढांचे पर हमला किया, तब भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस और आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। चार दिनों तक चले इस संघर्ष के बाद 10 मई को भारत ने संघर्षविराम की घोषणा कर पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया

विश्लेषण और राजनीतिक संदेश:

विश्लेषकों का कहना है कि यह बैठक न केवल सरकार के आत्मविश्वास को दर्शाती है, बल्कि विपक्षी आलोचनाओं के बीच सशस्त्र बलों की सफल कार्रवाइयों को सार्वजनिक रूप से मान्यता देने का राजनीतिक संदेश भी है। साथ ही, यह विपक्ष के लिए स्पष्ट संदेश है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों में विश्वासघात करने की जगह नहीं है।

एनडीए ने इस बैठक में देशभक्ति और सशक्त नेतृत्व का प्रभावी प्रदर्शन किया। इससे स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और सरगर्मी के माध्यम से संसद और सार्वजनिक विमर्श की दिशा तय करना चाहता है।

 

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