बच्चों में वीरता और त्याग के मूल्यों को विकसित करने की आवश्यकता – सत्य पाल जैन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 दिसंबर।
केंद्र शासित प्रदेश बाल संरक्षण सोसायटी ने समाज कल्याण विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से बाल गृह, स्नेहल्या फॉर बॉयज में वीर बाल दिवस का आयोजन बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ किया। इस अवसर पर भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और प्रशासक की सलाहकार परिषद की समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सत्य पाल जैन मुख्य अतिथि थे।

वीरता और त्याग के मूल्यों पर जोर

श्री सत्य पाल जैन ने बच्चों में बहादुरी, लचीलापन और अखंडता के गुणों को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वीरता और त्याग केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि यह वह मूल्य हैं जो बच्चों को एक मजबूत और सशक्त व्यक्तित्व बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल बच्चों को पोषित करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की दृष्टि का समर्थन

यह आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के दृष्टिकोण के अनुरूप था, जिसका उद्देश्य उन बच्चों की उपलब्धियों और साहस का जश्न मनाना और उन्हें सम्मानित करना है, जिन्होंने अपने जीवन में अनुकरणीय साहस दिखाया है।

प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में चंडीगढ़ की समाज कल्याण सचिव श्रीमती अनुराधा एस चगती, समाज कल्याण विभाग की निदेशक श्रीमती पालिका अरोड़ा और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सप्ताह भर की गतिविधियाँ और पुरस्कार वितरण

वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में 16 से 24 दिसंबर तक बाल देखभाल संस्थानों (CCI) में पेंटिंग, निबंध लेखन, कहानी सुनाना, कविता, वाद-विवाद और डिजिटल प्रस्तुतियों जैसी कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता सुश्री तारुशी गौर को मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो में उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। यह बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा।

सांस्कृतिक प्रदर्शन और बच्चों की प्रतिभा का प्रदर्शन

कार्यक्रम में बाल गृहों के बच्चों ने समूह नृत्य, ताइक्वांडो, और पारंपरिक गतका कला का प्रदर्शन किया। बच्चों की प्रतिभा और रचनात्मकता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वीर बाल दिवस गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 30 बच्चों को उनके समर्पण और भागीदारी के लिए पुरस्कृत किया गया।

प्रतिरक्षा किट और बच्चों का स्वास्थ्य

चंडीगढ़ की जिला बाल संरक्षण इकाई ने बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले 155 बच्चों को पौष्टिक खाद्य पदार्थों से युक्त प्रतिरक्षा किट प्रदान की, जिससे उनके स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित किया जा सके।

निष्कर्ष

इस आयोजन ने बच्चों में वीरता, त्याग और अनुशासन के मूल्यों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा को निखारने का मंच प्रदान किया। श्री सत्य पाल जैन के संदेश ने सभी को प्रेरित किया कि बच्चों में इन मूल्यों का विकास करना समाज के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.