मराठों के आरक्षण की सीमा को हटाने की जरूरतः सरकार

समग्र समाचार सेवा

पुणे, 19 फरवरी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि आरक्षण कोटा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की जरूरत है ताकि मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जा सके। उन्हें केंद्र सरकार से इसे सुविधाजनक बनाने के लिए कानून में बदलाव करने का भी आग्रह किया। राकांपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन यह अन्य समुदायों के मौजूदा कोटे में खलल डाले बिना किया जाना चाहिए। वह छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर पुणे जिले की जुन्नार तहसील के शिवनेरी किले में बोल रहे थे। इस किले पर 1630 में मराठा योद्धा राजा का जन्म हुआ था।

आरक्षण पर हम सभी की राय एक     

इस मौके पर पवार ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए हम सभी की राय एक है। हमने (राज्य सरकार) इस उद्देश्य के लिए एक आयोग भी गठित किया था। बंबई उच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था।’’

मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे कि यहां महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग है तो कुछ अन्य राज्यों में अन्य समुदाय भी अपने लिए आरक्षण मांग रहे हैं। मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन अन्य समुदाय के आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना ऐसा होना चाहिए। आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को हटाने की आवश्यकता है और केंद्र सरकार को इसके लिए कानून में बदलाव करने चाहिए।’’

अल्फांसो आम पर क्या बोले उपमुख्यमंत्री

जुन्नर क्षेत्र में उगाए जाने वाले अल्फांसो आम के बारे में पवार ने कहा, ‘‘जिला योजना समिति ने 27 लाख रुपये आवंटित किए है ताकि आम की इस किस्म को भौगोलिक संकेत (जीआई) का टैग मिले, जिसकी स्थानीय लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं।’’ कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने किले में कार्यक्रम में भाग लेने के लिए केवल 500 लोगों को अनुमति दी है जबकि ‘शिव ज्योति रन’ में केवल 200 लोगों को भाग लेने की मंजूरी दी गयी है।

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