न जहरीली हवा और न प्रदूषण, AQI भी 15… अजूबा है दिल्ली का ये घर, इस पंजाबी कपल ने तो करिश्मा कर डाला

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 नवम्बर।
दिल्ली, जिसे दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है, वहां एक ऐसा घर है जो किसी अजूबे से कम नहीं। जहां दिल्ली की जहरीली हवा और बढ़ता प्रदूषण लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है, वहीं इस पंजाबी कपल के घर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) महज 15 है। इस चमत्कारी घर को बनाने वाले कपल ने पर्यावरण संरक्षण और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

कैसे है यह घर इतना खास?

यह घर पूरी तरह से “ग्रीन होम” की अवधारणा पर आधारित है। कपल ने इस घर को डिजाइन करते समय कई टिकाऊ उपायों को अपनाया।

  1. एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम: इस घर में अत्याधुनिक एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगा हुआ है, जो घर के अंदर की हवा को लगातार शुद्ध करता है।
  2. सोलर एनर्जी का उपयोग: घर में बिजली की खपत को कम करने के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि बिजली का बिल भी काफी कम आता है।
  3. वर्टिकल गार्डन: घर की दीवारों और छत पर वर्टिकल गार्डन बनाए गए हैं, जो न केवल घर को ठंडा रखते हैं, बल्कि हवा को भी साफ करते हैं।
  4. रिसाइक्लिंग सिस्टम: पानी के पुनः उपयोग के लिए घर में वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रे वॉटर रिसाइक्लिंग सिस्टम भी लगाया गया है।

कौन हैं इस चमत्कारी घर के निर्माता?

इस घर को बनाने का सपना सच करने वाले हैं एक पंजाबी कपल – हरजीत सिंह और सिमरन कौर। दोनों पेशे से इंजीनियर हैं और पर्यावरण संरक्षण को लेकर गहरी रुचि रखते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इस घर को बनाने में करीब दो साल का समय और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया।

क्या है उनका संदेश?

हरजीत और सिमरन का मानना है कि हर व्यक्ति अपने घर को पर्यावरण के अनुकूल बना सकता है। “यह मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं,” सिमरन कहती हैं। उनका कहना है कि छोटे-छोटे बदलाव, जैसे वायु शुद्धिकरण पौधों का इस्तेमाल और ऊर्जा की बचत के उपाय, बड़े बदलाव ला सकते हैं।

दिल्ली के लिए प्रेरणा

यह घर न केवल एक उदाहरण है, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए प्रेरणा भी। जहां दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, वहां इस तरह के प्रयास शहर को एक नई दिशा दे सकते हैं।

निष्कर्ष:
हरजीत और सिमरन का यह घर न केवल पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि तकनीक और जागरूकता के सही इस्तेमाल से प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है। उनका यह “ग्रीन होम” आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगा।

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