समग्र समाचार सेवा
काठमांडू, 26 अगस्त-नेपाल में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार तुर्की और कुछ विदेशी नागरिक गुप्त रूप से तराई क्षेत्र के किशोरों को कुरान पढ़ा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि यह केवल धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि नेपाल को धीरे-धीरे इस्लामी रंग में रंगने की सुनियोजित साजिश है।
सरकार ने शुरू की जाँच
नेपाल के गृह मंत्रालय ने इस मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट्स में बताया गया कि तराई के कई जिलों की मस्जिदों और मदरसा जैसे ठिकानों पर बच्चों को कुरान की तालीम दी जा रही थी। सूत्रों का कहना है कि यह गतिविधियां तुर्की के इस्लामी प्रभाव को नेपाल में गहराने की रणनीति का हिस्सा हो सकती हैं।
तराई पर मंडराता खतरा
भारत की सीमा से सटे तराई इलाके में पहले से ही जनसांख्यिकीय बदलाव का खतरा बना रहता है। बड़ी संख्या में प्रवास और धर्मांतरण ने यहां की स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। अब विदेशी नागरिकों द्वारा इस्लामी शिक्षा देने की खबर ने नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
काठमांडू में राजनीतिक भूचाल
इस खुलासे ने नेपाल की राजनीति में भूचाल ला दिया है। राष्ट्रवादी दल और हिंदू संगठनों ने सरकार पर “सोते रहने” का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विदेशी ताकतें नेपाल की सांस्कृतिक पहचान बदलने की कोशिश कर रही हैं। विपक्ष ने प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल से मांग की है कि वे स्पष्ट करें कि तुर्की किस हद तक इस साजिश में शामिल है और सरकार अब तक क्या कर रही थी।
दक्षिण एशिया में तुर्की की छाया
तुर्की पर पहले भी श्रीलंका और मालदीव जैसे देशों में इस्लामी एजेंडा फैलाने के आरोप लग चुके हैं। अब नेपाल पर उसकी निगाहें गड़ी हैं। विश्लेषकों का कहना है कि नेपाल की खुली सीमाएं और अस्थिर राजनीतिक हालात इसे बाहरी धार्मिक हस्तक्षेप का आसान शिकार बना रहे हैं।
भारत भी इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है। नई दिल्ली को डर है कि नेपाल में तुर्की का इस्लामी प्रभाव उत्तरी सीमाओं पर नया संकट खड़ा कर सकता है।
फिलहाल जाँच जारी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या नेपाल को इस्लामिक मुल्क बनाने की वैश्विक साजिश शुरू हो चुकी है?
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