भारत-श्रीलंका संबंधों में नया अध्याय: हुए 7 अहम समझौते, जानिए हर बिंदु विस्तार से

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अप्रैल।
भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती देने के लिए दोनों देशों ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक में सात बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते व्यापार, सुरक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान से लेकर तकनीकी सहयोग तक कई क्षेत्रों को कवर करते हैं। आइए एक नजर डालते हैं इन सात अहम समझौतों पर, जो आने वाले समय में दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता और विकास में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

1. समुद्री सुरक्षा सहयोग समझौता

दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री निगरानी, संयुक्त अभ्यास और आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए एक साझा कार्य योजना पर सहमति जताई है। यह समझौता भारत की ‘सागर’ (SAGAR) नीति को भी मजबूती प्रदान करेगा।

2. ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग

भारत और श्रीलंका ने अक्षय ऊर्जा विशेषकर सौर और पवन ऊर्जा में संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत श्रीलंका को तकनीकी सहायता और निवेश प्रदान करेगा।

3. डिजिटल भुगतान प्रणाली को जोड़ना

यूपीआई (UPI) और श्रीलंका की डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आपस में जोड़ने पर सहमति बनी है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को भुगतान में पारदर्शिता और सुगमता मिलेगी।

4. संस्कृति और शिक्षा में साझेदारी

भारत और श्रीलंका ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान, छात्रवृत्ति और भाषा अध्ययन कार्यक्रमों को विस्तार देने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त पहल भी की जाएगी।

5. बुनियादी ढांचा विकास समझौता

भारत श्रीलंका के बंदरगाह, रेलवे और सड़कों के विकास में आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह सहयोग श्रीलंका की आर्थिक पुनर्रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

6. चिकित्सा और आयुर्वेद सहयोग

दोनों देशों ने आयुर्वेद, यूनानी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के शोध और प्रशिक्षण में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। भारत श्रीलंका में आयुष केंद्र स्थापित करेगा।

7. व्यापार और निवेश बढ़ाने पर समझौता

भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक नियमों को सरल करने, कस्टम प्रक्रियाओं को डिजिटल करने और विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निवेश प्रोत्साहन के दिशा में काम किया जाएगा।

इन सात समझौतों के ज़रिए भारत और श्रीलंका न सिर्फ आपसी संबंधों को नया आयाम दे रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक मेलजोल की मिसाल भी पेश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और श्रीलंकाई राष्ट्रपति की इस ऐतिहासिक बैठक ने साबित कर दिया कि पड़ोसी देशों के बीच परस्पर सहयोग ही भविष्य का रास्ता है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.