समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6जनवरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में 58वें डीजीएसपी/आईजीएसपी सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है जिसमें डीजीएसपी/आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख जयपुर से व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं और देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आईबी अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक वितरित किए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों के लिए ट्रॉफी प्रदान की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2023 में देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और दो महत्वपूर्ण विकासों पर जोर दिया। नई शिक्षा नीति का निर्माण और ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह 3 नए आपराधिक कानून बनाना। उन्होंने उल्लेख किया कि नए कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों के कार्यान्वयन से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी।
गृह मंत्री ने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए SHO से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से PHQ स्तर तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और एआई संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया, विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट यानी जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर जोर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा, साइबर खतरे, कट्टरपंथ, पहचान दस्तावेजों को धोखाधड़ी से जारी करना और एआई से उभरने वाले खतरों सहित महत्वपूर्ण महत्व के सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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