भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी में नया युग: ब्रह्मोस की बढ़ती मारक क्षमता और भविष्य की रणनीति

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 मार्च।
भारत ने अपनी मिसाइल तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है, खासकर ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करणों के साथ। परंपरागत विशेषताओं को बरकरार रखते हुए, इसकी रेंज, क्षमताओं और निर्यात क्षमता में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय रक्षा प्रणाली का हिस्सा रही है, लेकिन 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा बदलाव आया। भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 35वां देश बना, जिससे भारत को 300 किमी से अधिक रेंज की मिसाइलें विकसित करने और निर्यात करने की अनुमति मिली।

MTCR में शामिल होने से पहले, ब्रह्मोस की रेंज 300 किमी तक सीमित थी, और इसका पेलोड 500 किलोग्राम तक निर्धारित था। लेकिन MTCR का हिस्सा बनने के बाद, भारत ने ब्रह्मोस की रेंज को 800 किमी तक बढ़ाने में सफलता हासिल की

मार्च 2024 में, भारत सरकार ने ₹19,000 करोड़ की रक्षा डील के तहत 200 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी। ये मिसाइलें 450 किमी और 800 किमी की रेंज वाली होंगी, लेकिन भारत 800 किमी रेंज वाली मिसाइलें अपने इस्तेमाल के लिए रखेगा, जबकि कम रेंज वाले संस्करण दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को निर्यात किए जाएंगे

भारत एक इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स तैयार कर रहा है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिसाइलें और रॉकेट शामिल होंगे। रक्षा क्षेत्र पिनाका रॉकेट सिस्टम सहित कई मिसाइल परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। हाल ही में ₹1,000 करोड़ की डील के तहत पिनाका रॉकेट सिस्टम को बड़े स्तर पर तैयार किया जा रहा है।

इसके अलावा, भारत निभय क्रूज़ मिसाइल विकसित कर रहा है, जिसकी रेंज 1,000 किमी तक होगी। साथ ही, एक हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल पर भी काम चल रहा है, जो भविष्य में भारत की सुपरसोनिक स्ट्राइक क्षमता को और मजबूत करेगा।

भारत नई पीढ़ी की 04 मिसाइल विकसित कर रहा है, जिसकी रेंज 1,500 किमी तक होगी। इस मिसाइल की तीसरी स्टेज हाइपरसोनिक फ्लाइट तकनीक पर आधारित होगी, जिससे भारत की मिसाइल तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने के दौरान भारत को पेलोड कम होने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सटीकता और मारक क्षमता बनाए रखने के लिए उन्नत तकनीकों पर काम किया जा रहा है

भारत न केवल अपनी मिसाइल क्षमताओं को बढ़ा रहा है, बल्कि ब्रह्मोस और अन्य आधुनिक मिसाइल प्रणालियों को निर्यात करने की योजना भी बना रहा है। यह रणनीति भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकती है।

भारत की यह नई सैन्य रणनीति रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

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