समग्र समाचार सेवा
न्यूयॉर्क, 30 सितंबर: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक के बाद हुई और इसे दोनों देशों के बीच बिगड़े रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
जयशंकर ने बैठक के बाद कहा, “उच्चायुक्तों की नियुक्ति एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि हम अपने संबंधों को फिर से स्थापित कर रहे हैं। मैं विदेश मंत्री आनंद का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।”
संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश
भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ वर्षों में तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं। लेकिन अब दोनों पक्ष रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। जयशंकर ने अनीता आनंद के साथ हुई बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि नई दिल्ली और ओटावा में उच्चायुक्तों की नियुक्ति इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक में आगे बढ़ने के ठोस कदमों पर भी चर्चा हुई।
उच्चायुक्तों की नियुक्ति से नए संकेत
भारत ने अगस्त में दिनेश पटनायक को कनाडा में अपना नया उच्चायुक्त नियुक्त किया था। हाल ही में उन्होंने कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन को अपने परिचय पत्र प्रस्तुत किए और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
यह कदम इस ओर इशारा करता है कि दोनों देश तनावपूर्ण दौर को पीछे छोड़कर सहयोग की नई राह तलाश रहे हैं।
खालिस्तानी विवाद और रिश्तों में दरार
2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा संबंधों में गंभीर तनाव उत्पन्न हो गया था। उस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और रिश्ते लगभग ठप पड़ गए थे।
हालांकि पिछले महीने भारत और कनाडा ने एक-दूसरे की राजधानियों में दूतों की नियुक्ति की, जिसे सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना गया।
हालिया राजनीतिक संवाद
जून 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं ने बातचीत में सहमति जताई थी कि स्थिरता बहाल करने और भरोसा बढ़ाने के लिए रचनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
अब जयशंकर-अनीता आनंद मुलाकात को उसी दिशा में आगे बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है।
भारत और कनाडा के रिश्ते पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन हाल के राजनीतिक संवाद और उच्चायुक्तों की नियुक्ति इस ओर इशारा करते हैं कि दोनों देश फिर से सहयोग और साझेदारी की राह पर लौट रहे हैं। जयशंकर और अनीता आनंद की मुलाकात ने यह उम्मीद जगाई है कि आने वाले दिनों में संबंध और मजबूत होंगे।
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