समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 जनवरी।
अखिल भारतीय किसान संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर नए कृषि सुधार कानूनों को ऐतिहासिक बताते हुए इनका समर्थन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री के नाती व संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री संजय नाथ सिंह के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल ने श्री तोमर से मुलाकात के दौरान कहा कि देश में पहले हरित क्रांति हुई थी और अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने यह साहसिक कदम उठाया है जो भारतीय कृषि के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और अवसर भी है। बैठक में श्री तोमर ने बताया कि नए कानूनों के प्रावधान देश के बहुसंख्यक छोटे किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने वाले हैं।
बुधवार को कृषि मंत्रालय में अ.भा. किसान संगठन के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में मंत्री श्री तोमर ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को अपनी कृषि उपज उपभोक्ताओं तक पहुंचाना आसान होगा। भारत सरकार ने किसानों की तरक्की व कृषि क्षेत्र की समग्र प्रगति के लिए एक लाख करोड़ रूपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से भी लाभ पहुंचाना प्रारंभ कर दिया है। श्री तोमर ने कहा कि गांव-गांव तक छोटे किसानों को खेती तथा कृषि उपज संग्रहण व विपणन के लिए साधन-सुविधाएं मुहैया कराने से उन्हें वास्तविक लाभ पहुंचेगा। खेतों के नजदीक ही वेयर हाऊस व कोल्ड स्टोरेज आदि सुविधाएं होने से किसान अपनी उपज को कुछ समय रोककर बाद में अच्छे दाम मिलने पर बेच सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
श्री तोमर ने कहा कि दस हजार नए एफपीओ बनाने के लिए सरकार पांच साल में 6,850 करोड़ रूपए खर्च करेगी, जिसमें हरेक एफपीओ को दो करोड़ रूपए तक का लोन तीन प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी के साथ मिल सकेगा, वहीं एफपीओ सामान्य ब्याज दर पर इससे ज्यादा भी लोन ले सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कृषि से सम्बद्ध सभी क्षेत्रों के लिए भी विशेष पैकेज घोषित किए हैं, जिनमें पचास हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के फंड्स से चौतरफा लाभ मिलेगा।
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सिंह ने बैठक में कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए अध्यादेश लाने के समय भी उन्होंने इनका समर्थन किया था। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिनके लिए ये कानून बहुत लाभदायक सिद्ध होंगे। इन किसानों को खेती के लिए आधुनिक तकनीक का लाभ तो मिलेगा ही, निजी निवेश का भी काफी फायदा होगा जो कि वे खुद नहीं कर सकते हैं। छोटे किसानों की परेशानियों का समाधान इन्हीं कानूनों के जरिये हो सकता है। छोटे किसानों को सहकारिता के माध्यम से भी लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। इसी तरह अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन का भी किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
श्री सिंह ने बताया कि उनके संगठन में विभिन्न राज्यों से लगभग दस हजार सक्रिय सदस्य हैं, किसानों के अनेक संगठन भी उनके एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं। आज केंद्रीय मंत्री श्री तोमर से मिले प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा के किसान एवं एफपीओ से जुड़े पदाधिकारी-सदस्य भी शामिल थे।
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