प्रस्तुति -कुमार राकेश
जो 1980 के दशक में जो शोले बनी थी , वो काफ़ी लोकप्रिय हुई थी, अब एक नयी फ़िल्म “राहुल की दाढ़ी व शोले”बनी है , उसके डायलॉग सुनिए -आनंद आएगा -खुश रहिए व जगत को भी खुश रहिए -जगत का मतलब जगत प्रकाश नाड्डा नहीं समझ लेना आप -यहाँ जगत का मतलब हमारी दुनिया से है , हमारी लेखन व पत्रकारिता की विशेष दुनिया -जहां शब्द ब्रह्म है , शब्द ज्ञान है , शब्द भान है और शब्द शान भी,शब्द आनंद है तो सत्-चित्त ,आनंद की परम अनुभूतियाँ भी ,तो आए , आनंदित हो और इस परम आनंद को विस्तारित व प्रचारित करें —-
जय :- मौसी इस बार हमारे “राहुल भैया”को ही वोट दीजियेगा.मौसी :-देखो बेटा, वोट देना है तो कुछ तो पूछना पड़ेगा. कुछ काम धाम भी करता है या फ़िर गरीबों के घर ही खाना खाता है . .
जय :- अरे नहीँ मौसी, जब शादी हो जायेगी तो कमाने भी लगेगा और घर पर खायेगा भी .
मौसी :- मतलब 50 के ऊपर का हो गया और शादी भी नहीं हुई . कोई उसे अपनी बेटी भी नहीं दे रहा और…. मैं अपना कीमती वोट दे दूं?
जय :- अरे नहीं नहीं मौसी, उसकी उम्र भले ही 50 के ऊपर हो गईं है . . . लेकिन दिमाग़ अभी भी 10 – 15 साल के बच्चे का ही है .
मौसी :-.मतलब मंद बुद्धि भी है .
जय :- अरे नहीं मौसी . .थोड़ी संगत जरुर चापलूसों की है पर जैसे ही संगत छूटेगी, अपने दिमाग़ का भी इस्तेमाल करने लगेगा. और धीरे धीरे बड़ा भी हो जायेगा .
मौसी:- हाय दैया, अब ये न कह देना कि कहीं नैन मटक्का भी करता है ?
जय :- अरे मौसी, एक दो बार संसद में आँख मार दी तो इसमें कौन सा भूचाल आ गया ?
मौसी:- हे भगवान, चोरी, बेईमानी रह गई है, बेटा वो भी हो तो बता दो ।
जय :- अरे मौसी, कोई छुटपुट चोर थोड़े ही है, अब एक मुकद्दमा है, केवल पाँच हजार करोड़ का नेशनल हेराल्ड नाम की कंपनी का, वो भी खत्म हो जाएगा जब उनकी सरकार आ जाएगी ।
मौसी :- वाह बेटा वाह, पक्के कांग्रेसी हो, सारे अवगुण हैं तुम्हारे राहुल भैया में पर मजाल है कि तुम उसे बुरा कह दो… तुम्हारे..राहुल भइया ~ नकारा है. मंद बुद्धि है. और संगत भी अच्छी नहीं है. .. चोर भी है फिर भी वोट उन्हीं को दूं ..*!
*भारत की नागरिक हूं, कोई चीन पाकिस्तान की नहीं जो मोदी के खिलाफ इस नासपीटे को वोट दे दूं ।
ये तो.. मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है बेटा !!
जय :- ठीक है। मेरे इतने समझाने पर भी आपने इन्कार कर दिया।
बेचारा राहुल भैया!!!!!!!!!
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