समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19जुलाई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग के सुरक्षा निरीक्षण के लिए सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है। इस समिति का उद्देश्य सुरक्षित यात्रा को प्रोत्साहित करके कर्नाटक की जनता के लिए कॉरिडोर की सेवा सुनिश्चित करना है। यह समिति अभी राजमार्ग के दौरे पर है और 20 जुलाई तक अपना अध्ययन पूरा कर लेगी। यात्रा समाप्ति के बाद 10 दिन के अंदर समिति अपनी रिपोर्ट देगी।
इसे यातायात के लिए मार्च 2023 में खोला गया। 118 किमी लंबा बेंगलुरु-मैसूर एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग कॉरिडोर एनएच-275 का हिस्सा भी कवर करता है। एनएचएआई ने इस राजमार्ग को बनाने में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया है। यह राजमार्ग वाणिज्य को प्रोत्साहित कर रहा है और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अग्रदूत के रूप में कार्य कर रहा है। राजमार्ग ने कर्नाटक के दो शहरों के बीच यात्रा के समय को लगभग आधा घटाकर केवल 75 मिनट कर दिया है। यह राजमार्ग भारत की तेजी से बदल रही सड़क अवसंरचना तथा विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क बनाने के प्रति एनएचएआई की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस कॉरिडोर में 4 रेल ओवरब्रिज, 9 बड़े पुल, 40 छोटे पुल, 89 अंडरपास तथा ओवरपास हैं और 6 बाईपास बिदादी, रामनगर, चन्नापटना, मद्दूर, मांड्या और श्रीरंगपट्टना शहरों के लिए बनाए जा रहे हैं, ताकि यातायात की भीड़ कम की जा सके और इसे सुगम बनाया जा सके। एक्सेस-नियंत्रित राजमार्ग कर्नाटक को तमिलनाडु और केरल के साथ अंतर-राज्य कनेक्टिविटी प्रदान करता है और कुर्ग, श्रीरंगपट्टनम, वायनाड और ऊटी शहरों की भीड़भाड़ कम करता है।
एनएचएआई की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा में सुधार करना है तथा राष्ट्रीय राजमार्गो पर सभी यात्रियों के लिए सुरक्षित, सहज और बाधा रहित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है।
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