एनआईए ने सीआरपीएफ जवान को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया, पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी देने का आरोप

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 26 मई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सीआरपीएफ के जवान मोती राम जाट को पाकिस्तान खुफिया एजेंसी (PIO) को संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एनआईए के अनुसार, मोती राम वर्ष 2023 से लगातार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी वर्गीकृत जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को भेज रहा था। इसके बदले वह विभिन्न माध्यमों से पैसे भी प्राप्त करता था

एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने उसे 6 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है ताकि जांच एजेंसी उससे गहन पूछताछ कर सके।

देश में लगातार सामने आ रहे हैं जासूसी के मामले

भारत में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा जासूसी नेटवर्क फैलाने के प्रयासों के खिलाफ जांच एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी है। बीते कुछ समय में कई गिरफ्तारियां सामने आई हैं, जो दर्शाती हैं कि दुश्मन देश किस तरह से सोशल इंजीनियरिंग और डिजिटल माध्यमों से भारतीय नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बना रहा है।

इसी कड़ी में एक और चौंकाने वाला मामला हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का है, जिसे पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और पाकिस्तान कनेक्शन

ज्योति मल्होत्रा, जो ‘Travel With Jo’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं, का नाम भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में सामने आया। वह हरियाणा के हिसार जिले की निवासी हैं और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। 33 वर्षीय ज्योति सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और उनके यूट्यूब चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं।

हाल ही में एक स्कॉटिश यूट्यूबर द्वारा बनाया गया वीडियो वायरल हुआ, जिसमें ज्योति पाकिस्तान की एक पब्लिक लोकेशन पर नजर आ रही हैं। वीडियो में ज्योति के साथ 6 से 7 सुरक्षा कर्मी दिखाई देते हैं, जो पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी बताए जा रहे हैं और उनके पास AK-47 जैसे हथियार भी दिखते हैं। इस वीडियो ने एक बार फिर उनके पाकिस्तान से जुड़ाव और संभावित सुरक्षा खतरे को उजागर किया है।

गंभीर सवाल, जरूरी जवाब

इन घटनाओं से देश की सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह स्पष्ट संकेत जाता है कि जासूसी अब केवल सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म इसका नया माध्यम बन चुके हैं। सरकार और खुफिया एजेंसियों को अब तकनीकी निगरानी के साथ-साथ मानव निगरानी को भी और मजबूत करने की जरूरत है

सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय बल में तैनात जवान का इस तरह दुश्मन देश से संपर्क में होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत गंभीर खतरे की घंटी है। एनआईए इस मामले में और गिरफ्तारियां भी कर सकती है क्योंकि शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।

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