निठारी कांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली और पंढेर को किया दोषमुक्त, फांसी की सजा रद्द

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर। नोएडा के चर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी करार दिए गए सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया. सुरेंद्र को 12 और मनिंदर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया. कोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह न होने के आधार इन दोनों को बरी किया.

निठारी सिलसिलेवार हत्या मामले ने अपनी पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. यह भयावह अपराध उत्तर प्रदेश के नोएडा के एक इलाके निठारी में घटित हुआ और दिसंबर 2006 में प्रकाश में आया था. यह आरोप लगाया गया था कि कोली बच्चों को मिठाइयां और चॉकलेट देकर फुसलाकर घर लाता था, उनकी हत्या करता था और लाशों के साथ यौन संबंध बनाता था. वह हड्डियों और शरीर के अन्य हिस्सों को घर के पीछे एक खाई में फेंक देता था.

अब तक क्या कुछ हुआ?
दरअसल, जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की पीठ ने पिछले महीने मामलों में फैसला सुरक्षित रखने के बाद पंढेर और कोली की तरफ से दायर अपील को स्वीकार कर लिया था. इसमें कोली को पहले 12 मामलों में मौत की सजा दी गई थी, वहीं पंढेर को भी दो मामलों में निचली अदालतों ने मौत की सजा सुनाई थी.

आरोपियों ने इससे पहले कोर्ट में कहा था कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है. उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई गई है. जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एसएचए रिजवी की बेंच ने दोनों केस में आरोपियों को बरी कर दिया.

निठारी हत्याकांड
यह मामला तब सामने आया जब दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी में एक घर के पास नाले में कंकाल पाए गए थे. बाद में, यह पाया गया कि मोनिंदर पांडेर घर का मालिक है और कोली उसका घरेलू नौकर था और इसलिए, दोनों को एफआईआर में फंसाया गया था. सीबीआई ने कुल 16 मामले दर्ज किए, इनमें से सभी में कोली पर हत्या, अपहरण और बलात्कार के अलावा सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया, और एक मामले में पंढेर पर अनैतिक तस्करी का आरोप लगाया गया.

हालांकि, कई पीड़ित परिवारों से संपर्क करने के बाद गाजियाबाद कोर्ट ने पंढेर को पांच अन्य मामलों में तलब किया. सीबीआई के अनुसार, कोली ने कई लड़कियों की उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके हत्या कर दी थी और फिर उन्हें उनके घर के बाहर पीछे की तरफ फेंक दिया था.

 

 

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