केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में ‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ में ‘नवाचार आधारित जहाज वित्तपोषण तंत्र’ पर किया जोर
लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य वाले भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएँ: श्री नितिन गडकरी
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भारत का समुद्री क्षेत्र लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (₹84 लाख करोड़) मूल्य का, विशाल निवेश अवसर
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सड़क परिवहन मंत्रालय ने ToT, InvITs और PPP मॉडल से ₹1.4 लाख करोड़ जुटाए
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समान वित्तीय मॉडल से समुद्री क्षेत्र में भी तेजी और पारदर्शिता लाने पर जोर
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श्री गडकरी ने “CMEG (RIS) – इंडिया मेरीटाइम रिपोर्ट 2025-26” का शुभारंभ किया
समग्र समाचार सेवा
मुंबई,दिनांक: 28 अक्टूबर: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज मुंबई में आयोजित इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 में भाग लेते हुए ‘नवाचार आधारित जहाज वित्तपोषण तंत्र’ विषय पर अपने विचार रखे।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र लगभग एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थात लगभग चौरासी लाख करोड़ रुपये मूल्य का है, जिसमें बंदरगाह, पोत परिवहन और माल-परिवहन प्रणाली के क्षेत्र में अपार निवेश की संभावनाएँ हैं।
श्री गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने हाल के वर्षों में नवोन्मेषी वित्तीय मॉडल अपनाकर लगभग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके परिणामस्वरूप निजी क्षेत्र की भागीदारी दस प्रतिशत से बढ़कर पैंतीस प्रतिशत तक पहुँच गई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के वित्तीय मॉडल यदि बंदरगाह और समुद्री परियोजनाओं में भी लागू किए जाएँ, तो परियोजनाओं की गति बढ़ेगी, गुणवत्ता में सुधार होगा और सरकार पर वित्तीय दबाव कम होगा।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने भारत की समुद्री प्रगति से संबंधित वार्षिक रिपोर्ट 2025–26 का विमोचन किया, जिसका शीर्षक है — “एक समुद्र, एक दृष्टि – भारत की समुद्री उपलब्धियाँ”। इस रिपोर्ट में देश के समुद्री विकास, नीतिगत उपलब्धियों और भविष्य की दिशा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
श्री गडकरी ने इस अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सागरमाला 2.0 योजना को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पहल भारत में जहाज निर्माण, मरम्मत, पुनर्चक्रण, बंदरगाह दक्षता, तटीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और आंतरिक जलमार्गों के पुनरुद्धार पर केंद्रित है।
श्री गडकरी ने कहा कि भारत का उद्देश्य केवल समुद्री अवसंरचना का विस्तार करना नहीं, बल्कि उसे हरित, आत्मनिर्भर और विश्वस्तरीय बनाना है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर पारदर्शी नीतियाँ, समयबद्ध क्रियान्वयन और नवाचार आधारित कार्य प्रणाली अपनाएँ, तो भारत शीघ्र ही वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद गंतव्य बन सकता है।
कार्यक्रम में समुद्री उद्योग, निवेशकों, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। सभी ने भारत के उभरते समुद्री क्षेत्र को लेकर गहरी रुचि और सहयोग का आश्वासन दिया।
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