समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7नवंबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया. नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में कहा कि OBC, SC और ST को मिलने वाले आरक्षण को बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए कोटा बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव रखा है. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों के लिए 10% आरक्षण शामिल नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में OBC को आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलना (OBC ) चाहिए. इसलिए आरक्षण की 50% लिमिट को खत्म किया जाए और कोटा 65% तक हो. इसके साथ-साथ कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को मिलने वाला 10% का आरक्षण इससे अलग होगा.
बिहार में अब कैसा होगा आरक्षण का प्रारूप?
प्रस्तावित संशोधित कोटा के तहत, अनुसूचित जाति को अब 20% आरक्षण मिलेगा, जबकि OBC और EBC के लोगों को 43% कोटा मिलेगा जो पहले के 30 प्रतिशत से काफी अधिक है. ST अभ्यर्थियों के लिए 2 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव किया गया है. यह प्रस्ताव बिहार विधानसभा के समक्ष विवादास्पद राज्यव्यापी जाति सर्वेक्षण पर पूरी रिपोर्ट पेश किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है.
34% परिवारों की मासिक आय 6 हजार
इससे पहले बिहार विधानसभा में मंगलवार को सरकार ने जातीय गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट रखी. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में महज 9% ही ऐसे परिवार हैं, जिनकी प्रति माह आय 50 हजार रुपये से अधिक है. सरकार की तरफ से कराए गए जाति आधारित गणना रिपोर्ट के आर्थिक आंकड़ों पर गौर करें तो 6 हजार रुपये तक प्रति महीना आय वाले परिवारों की संख्या जहां 34.13 प्रतिशत है. वहीं 6 हजार से 10 हजार रुपये प्रति महीना आय वाले परिवारों की संख्या 29.61 प्रतिशत है. इसी तरह 10 हजार से 20 हजार तक आय वाले परिवारों की संख्या 18.06% तथा 20 हजार से 50 हजार आय वाले परिवारों की संख्या 9.83% है. 50 हजार रुपये से ज्यादा मासिक आय वाले परिवारों की संख्या मात्र 3.90 प्रतिशत है.
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