5 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे नीतीश, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बनेंगे डिप्टी सीएम

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28जनवरी। बिहार की राजनीति में मची खलबली ठहर गई है. जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. आज के दिन की शुरुआत में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला. नीतीश ने भाजपा विधायकों के समर्थन पत्र के साथ राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को अपना त्यागपत्र सौंपा.राज्यपाल ने उनका त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनसे नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रशासनिक कर्तव्यों का निर्वहन करने का अनुरोध किया.

नौवीं बार सीएम पद की शपथ
शपथ ग्रहण समारोह में आज शाम 5 नीतीश भाजपा के दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ नौवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे. भाजपा और जद (यू) राजनीतिक पुनर्गठन करेंगे. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिन में बिहार पहुंचेंगे. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और पूर्व राज्य पार्टी अध्यक्ष और सांसद संजय जयसवाल उनका स्वागत करेंगे.

सुशील मोदी और रेनू कुमारी डिप्टी सीएम की दौड़ में
इन अफवाहों के बीच कि चुनाव में मंथन के बाद सुशील मोदी और रेनू कुमारी डिप्टी सीएम की दौड़ में हैं, राज्य में भाजपा के प्रवक्ता सुमित शशांक ने बताया कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा नीतीश के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेंगे.

इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा, डेढ़ साल पहले बने ‘महागठबंधन’ (महागठबंधन) में मामलों की स्थिति ‘अच्छी नहीं’ थी. 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद, नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की पहल की.

एक नजर बीजेपी-जदयू के राजनीतिक सफर
1 – 2000 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ‘जंगल राज’ के खिलाफ अभियान चलाने के बाद नीतीश पहली बार सीएम बने. तब तक वह आठ बार बिहार के सीएम बने.
2 – 2013 में, भाजपा के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद 17 साल के गठबंधन के बाद नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया. तभी कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया था.
3 – 2017 में नीतीश ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया था. 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की थी.
4 – 2017 में राजद पर भ्रष्टाचार और राज्य में शासन का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए महागठबंधन से बाहर चले गए.
5 – 2022 में, नीतीश कुमार ने फिर बीजेपी से नाता तोड़ा. आरोप लगाया कि बीजेपी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और जेडी-यू विधायकों को उनके खिलाफ बगावत करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश कर रही है.

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