समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। एक महत्वपूर्ण निर्णय में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, कि यदि किसी वकील और डॉक्टरों की सलाह किसी भी तरह से गलत हो जाती है, तो भी उसके खिलाफ धारा 420 आईपीसी या ऐसा कोई भी मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वकील और डॉक्टरों को अपने मुवक्किलों के हितों का ध्यान रखना चाहिए। (जस्टिस पी.स्थशिवम और जस्टिस रंजन गोगोई बेंच)
कोर्ट ने यह भी कहा कि वकीलों और डॉक्टरों जैसे पेशों में पेशेवर मामले की सफलता की गारंटी नहीं दे सकते। अदालतों ने कहा कि वकील अपने मुवक्किल को यह गारंटी नहीं दे सकता कि वह निश्चित रूप से केस जीतेगा और न ही डॉक्टर अपने मरीज को बता सकता है कि ऑपरेशन हमेशा सफल होता है। और हालांकि यह पेशा डॉक्टर और वकील केवल यही कह सकते हैं कि वे अपने काम में अनुभवी हैं और वे अपनी पूरी कोशिश करेंगे ताकि वे सफल हों।
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