उत्तर भारत की पहली नदी कायाकल्प परियोजना देविका पूरी होने के निकट है, इसे प्रधानमंत्री मोदी ने स्‍वयं लॉन्च किया था: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पवित्र देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए तरल अपशिष्‍ट प्रबंधन की , की समीक्षा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7अगस्त।केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत की पहली नदी संरक्षण परियोजना देविका पूरी होने वाली है। ‘नमामि गंगा’ की तर्ज पर 190 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पवित्र देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए अलग से शुरू की गई तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि देविका, जिसे पवित्र गंगा नदी की बहन माना जाता है, का एक महान धार्मिक महत्व है, यही कारण है कि देविका कायाकल्प परियोजना के तहत सभी घरों को जोड़ने वाले पाइप और मैनहोल के नेटवर्क के साथ तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का निर्माण यूईईडी द्वारा किया जा रहा है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि परियोजना के लिए आवंटित 190 करोड़ रुपये की धनराशि में से आवंटन का हिस्सा केंद्र और केन्द्र शासित प्रदेश द्वारा क्रमश: 90:10 के अनुपात में है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के अतिरिक्‍त देविका कायाकल्प परियोजना के तहत एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का भी निर्माण किया जाएगा, जो देविका नदी की पवित्रता की रक्षा के लिए कई पहलुओं से महत्वपूर्ण है।

बैठक के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि समाज के जमीनी स्तर के प्रतिनिधि होने के नाते पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका प्रमुख विकास परियोजनाओं की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। बैठक के दौरान उपस्थित पंचायती राज संस्थाओं ने डॉ. सिंह के समक्ष कई मुद्दे उठाए जिस पर उन्‍होंने विभागों को कम से कम समय में इन मुद्दों का निवारण करने का निर्देश दिया।

इस बैठक में उधमपुर के उपायुक्त सचिन कुमार वैश्य, उत्तर रेलवे के अपर डीआरएम बलदेव राज, उधमपुर के एसएसपी डॉ. विनोद कुमार, डीडीसी, बीडीसी सदस्य, सरपंच और पंच उपस्थित थे।

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