नवंबर में छत्तीसगढ़ में डीजीपी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, नक्सलवाद और साइबर सुरक्षा होंगे मुख्य मुद्दे
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे, जहां वे डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक नया रायपुर के मरीन ड्राइव परिसर में आयोजित होगा।
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति रहेगी। यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है।
सम्मेलन में उठेंगे आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे
डीजीपी सम्मेलन में देशभर के पुलिस महानिदेशक (DGPs) और महानिरीक्षक (IGPs) शामिल होंगे। तीन दिवसीय इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें प्रमुख रूप से—
- नक्सलवाद
- आतंकवाद
- ड्रग्स नियंत्रण
- साइबर सुरक्षा
- सीमा प्रबंधन
सूत्रों के अनुसार, इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बस्तर मॉडल पर होगी चर्चा
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हाल के महीनों में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति से बड़ी सफलताएँ मिली हैं। सम्मेलन में इस मॉडल पर विस्तार से चर्चा होगी और भविष्य की रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 1 नवंबर को भी रायपुर का दौरा करेंगे, जहां वे छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होंगे।
नक्सलियों के प्रस्ताव पर गृह मंत्री का रुख
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नक्सलियों के युद्धविराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि—
“यदि माओवादी आत्मसमर्पण कर हथियार डालना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन युद्धविराम की कोई आवश्यकता नहीं है। सुरक्षा बल तब तक कोई गोली नहीं चलाएँगे जब तक नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं।”
यह बयान सरकार की सख्त लेकिन स्पष्ट नीति को दर्शाता है—नक्सलवाद से निपटने में कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन आत्मसमर्पण करने वालों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश जरूर होगी।
छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा अवसर
इस सम्मेलन की मेज़बानी छत्तीसगढ़ के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। राज्य लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझता रहा है और ऐसे में यह आयोजन सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति से न केवल सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास और स्थिरता की दिशा में भी सकारात्मक संदेश जाएगा।
नवंबर का डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन छत्तीसगढ़ और देश दोनों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की मौजूदगी इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है। नक्सलवाद, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गहन मंथन से भविष्य की रणनीतियों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
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