उमा भारती के अब 8 ट्वीट, उत्तर-प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदहाली पर ज़ाहिर की चिंता

वरिष्ठ पत्रकार सुदेश गौड़ की खास खबर।
अपने पूर्व घोषित निशानेबाज़ी अभियान के तहत भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर प्रकारांतर से निशाना साधा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुँच रहा है। आज दोपहर उन्होंने लगातार 8 ट्वीट करके शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदहाली पर चिंता ज़ाहिर की है और इसके लिए विशेष रूप से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का नाम लिया है। वे ट्वीट के माध्यम से कहती है कि हमारे देश की शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सरकारी व्यवस्थाएं बहुत ही खराब हैं।इसी कारण से जब कोरोना का संकट आया तो कोरोना वॉरियर्स के इतने बलिदान हो जाने के बाद भी संकट गहराता गया,क्योंकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा गिर चुका है।@narendramodi जी ही इसको पुनः खड़ा कर सकते हैं। सरकारी अस्पतालों एवं सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की व्यवस्थाओं को प्राइवेट अस्पतालों एवं प्राइवेट स्कूलों के स्तर पर लाना होगा।जब स्वास्थ्य एवं शिक्षा की व्यवस्थाओं का निजीकरण हुआ तभी से इन दोनों सेक्टर में गरीब आदमी के लिए संकट खड़ा हो गया।प्रारंभ में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के निजी संस्थान सेवा के भाव से काम करते थे जैसे आर्य समाज के शिक्षण संस्थान सरस्वती शिशु मंदिर तथा कई चिकित्सक अपने अस्पतालों में भी सेवा भाव से काम करते रहे एवं उनका मसीहाई करिश्मा बना रहा।फिर अचानक शिक्षा एवं स्वास्थ्य का व्यवसायीकरण शुरू हुआ इनके माध्यम से पैसे कमाने की होड़ शुरू हुई।

निर्लज्जता एवं अमानवीयता के साथ फीसें वसूली जाने लगी तथा धीरे-धीरे कई राज्यों में सरकारी अस्पताल एवं सरकारी स्कूलों का स्तर गिरा।पेट भरने के लायक कमाई करने वाले लोगों को भी प्राइवेट स्कूल की महंगी फीस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा अभाव ग्रस्त तथा दीन दरिद्र लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हो गए। उन्हें अपने प्रियजनों की जान बचाने के लिए जेवर, जमीनें तथा घर बेचकर प्राइवेट अस्पतालों के बिल देने पड़े।

उमा भारती द्वारा आज किए गए ट्वीट में सबसे गंभीर आरोप यह है कि अब तो भारत के बहुत सारे राज्यों में सरकारी अस्पताल एवं सरकारी स्कूलों के लिए आया हुआ सारा पैसा सिर्फ भवनों को बनाने में खर्च होता है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य की क्वालिटी सेवा का अस्तित्व ही गिर गया जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी हैं
जब मैं @narendramodi जी के साथ 5 साल मंत्री रही तो उस समय पर जो भी आर्थिक सुधारों का निर्णय हुआ,उसमें मैंने हमेशा प्रधानमंत्री जी से यही अनुरोध किया कि इससे जो भी मुनाफा आए वह शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सरकारी सेवाओं पर खर्च कर दीजिए। शायद इस कोरोना के गहराते संकट काल में ही हम अपनी भूल सुधारने के लिए विवश हो जाएं एवं स्वास्थ्य की सरकारी सेवाओं को गरीबोन्मुखी कर सकें। यह भारत का सौभाग्य है कि कोरोना के संकटकाल में @narendramodi जी हमारे प्रधानमंत्री हैं अन्यथा यह संकट और गहरा जाता।

साभार- मीडियावाला.इन

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