अब यूपी के हर गांव का होगा विकास, सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’को दी मंजूरी

समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 11 नवंबर। यूपी से हैं और यूपी से बाहर बसे हैं, लेकिन अपने गांव का विकास चाहते हैं और आर्थिक रूप से योगदान करना चाहते हैं तो यूपी सरकार ने इसके लिए एक योजना शुरू कर दी है. योगी सरकार ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश के विभिन्न शहरों एवं विदेशों में कार्यरत हैं। ग्राम में निवासरत एवं बाहर गए सुविधा सम्पन्न लोग अपने गांव के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित मंच उपलब्ध न होने की वजह से वांछित स्तर का सहयोग एवं योगदान प्रदान नहीं कर पा रहे हैं।

सरकार के अनुसार, इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति या निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास एवं पंचायतीराज अधिनियम-1947 में प्रावधानित कार्यों को कराना करना चाहता है और कार्य की लागत की 60 प्रतिशत धनराशि वहन करने का इच्छुक है, तो शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी’ का गठन किया जाएगा। सोसायटी को 100 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका उपयोग किसी योजना हेतु राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा एवं बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस लौटाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के लिए कानुपर देहात जनपद की रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गांव में पुनर्वास विभाग के नाम उपलब्ध 121.41 हेक्टर भूमि पर प्रस्तावित पुनर्वासन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी।

इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के लिए आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल (यथा-सरसों तेल/रिफाइण्ड तेल) एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने संकल्प पत्र 2017 में की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में पंजीकृत लगभग 5,848 अधिवक्ताओं को पंजीकरण से 30 वर्ष पूर्ण करने पर 1.50 लाख रुपए से पांच लाख रुपए एकमुश्त दिए जाने हेतु उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 की धारा-13 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

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