अब खत्म होगा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का विवाद, सोनिया गांधी ने निकाला यह उपाय

समग्र समाचार सेवा
चंढ़ीगढ़, 22जुलाई। पंजाब के बाद अब राजस्थान में चली रही घमासान को खत्म करने के लिए दस जनपथ आगे आएगा। क्योंकि अब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को खत्म कराने की जिम्मेदारी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ली है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान अगले माह से राजस्थान का दौरा करेंगी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विवाद खत्म करने का उपाय भी निकालेंगे।

जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय नेताओं का एक समूह पायलट को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है।
बता दें कि मौजूदा अध्यक्ष डोटासरा गहलोत सरकार में शिक्षामंत्री भी हैं। ऐसे में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर मंत्रिमंडल में ही रखा जा सकता है। डोटासरा खुद भी मंत्री रहना चाहते हैं। इस पदाधिकारी ने बताया कि राजस्थान में सरकार व संगठन में बदलाव को लेकर आलाकमान ने प्रारूप तैयार कर लिया है।

पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसके तहत पायलट को राष्ट्रीय महत्व का अहम पद दिया जा सकता है। चर्चा है कि कुछ ही दिनों में सोनिया गांधी सीएम गहलोत से टेलीफोन पर बात कर प्रारूप को लागू करने के लिए कहेंगी। इसे लागू करने की समय सीमा भी तय की जाएगी।

पायलट के विश्वस्त विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने गहलोत को कलयुग का भगवान बताते हुए कहा कि जिस तरह अपनी मन्नत पूरी करने को लेकर लोग मंदिर में जाते हैं। वैसे ही हम बार-बार गहलोत से मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर रहे हैं। वे मौजूदा समय में भगवान हो रहे हैं। दो दिन पहले सीएम की तारीफ करने वाले विधायक इंद्रराज गुर्जर ने फिर पाला बदला और एक बयान में कहा कि पायलट कांग्रेस की ब्राण्ड बन गए हैं।

बता दें कि सीएम समर्थक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने एक बयान में पायलट को बाहरी बताते हुए कहा कि सीएम को स्थानीय ही रहेगा। पायलट एक जाति के नेता हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान अगर ऐसे नेताओं को बढ़ावा देगा तो पार्टी का नुकसान होगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का ज्यादा नुकसान तो पायलट ने ही किया। उनके आरोपों का पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा, पीआर मीणा और इंद्रराज गुर्जर ने जवाब देते हुए कहा कि पायलट के परिवार ने 42 साल से प्रदेश के लिए खून पसीना बहाया है। वे 36 कौम के नेता हैं।

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