यूक्रेन-रूस में अब होगी जंग!  भारतीय छात्रों को यूक्रेन छोड़ने की चेतावनी

समग्र समाचार सेवा

कीव, 16 फरवरी। भारत ने अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है। कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने खासतौर पर यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए कहा है। यह सलाह यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव के युद्ध में बदलने की आशंका के कारण दी गई है। इसको लेकर भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर दी है।

कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए अधिसूचना जारी की

इस तनाव के कारण अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया और डेनमार्क पहले ही अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह चुके हैं। बता दें कि यूक्रेन में 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स स्टडी कर रहे हैं।

भारत ने देर से कहा-भारत लौट जाओ

भारतीय दूतावास ने यूक्रेन छोड़ने के लिए एक एडवाइजरी लेटर यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को भेजा है। लेटर में कहा गया है कि यूक्रेन के मौजूदा अनिश्चित माहौल को देखते हुए भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों को यूक्रेन छोड़कर अस्थायी तौर पर स्वदेश लौटने की सलाह दी जा रही है। लेकिन छात्रों का कहना है कि भारत ने ए़डवाइजरी जारी करने में देर कर दी है।

छात्रों के सामने ये आ रही समस्या

हरियाणा के रहने वाले एक छात्र ने कहा कि दिल्ली जाने वाली फ्लाइट की टिकट 80,000 रुपये की है और 20 फरवरी से पहले कोई टिकट उपलब्ध नहीं है। एक अन्य छात्र ने कहा यहां बने युद्ध के हालात की खबर के कारण, फ्लाइट टिकट की कीमतें बढ़ गई है। एजेंट पैसा कमाने के लिए स्थिति का फायदा उठा रहे हैं।

यूक्रेन की यात्रा न करने की सलाह

लेटर में आगे कहा गया है कि भारतीय नागरिक बिना किसी जरूरी काम के यूक्रेन की यात्रा न करें और वहां मौजूद नागरिक भी अनावश्यक घर से बाहर न जाएं। यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कहा, भारतीय दूतावास को और अधिक सक्रिय होना चाहिए था। अब जब संघर्ष बढ़ रहा है, तो वे चाहते हैं कि हम लौट जाएं, पर कैसे? इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने परीक्षा की तारीख भी घोषित कर दी है. कई छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं।

दूतावास को अपने बारे में देते रहें जानकारी

दूतावास ने यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से यह भी अपील की है कि वो अपनी मौजूदगी के बारे में दूतावास को जानकारी देते रहें, ताकि जरूरत पड़ने पर उन तक मदद पहुंचाई जा सके। इसमें कहा गया है कि भारतीय दूतावास अपने नागरिकों की मदद करने के लिए यूक्रेन में अपना सामान्य कामकाज जारी रखेगा।

रूस बॉर्डर से लगे मेडिकल कॉलेज में 2 हजार छात्र फंसे

इधर, देश लौटने के लिए यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों का कहना है कि वो डरे हुए हैं और देश लौटना चाहते हैं। सरकार की ओर से जानकारी नहीं मिल पा रही है। फ्लाइट का किराया भी तीन गुना से ज्यादा हो गया है। छात्रों ने बताया कि 70 हजार का किराया अचानक से 2 लाख के करीब पहुंच गया है। अकेले खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही दो हजार छात्र हैं।

चौराहों पर टैंकों की तस्वीरों से छात्रों में डर का माहौल

खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बताया कि ईमानदारी से कहें तो यहां कुछ भी नहीं हो रहा है। हमें सिर्फ अपनी जान का डर है और कुछ नहीं। यहां सबकुछ सामान्य है। हम चाहते हैं कि हमारी सरकार कुछ करें क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि युद्ध होगा या नहीं। लेकिन बीती रात यूक्रेन के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर जो संदेश पोस्ट किया है उसके बाद से भारतीय छात्रों में डर का माहौल है।

यूक्रेन के राजदूत ने कहा घबराने की जरूरत नहीं

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत, यूक्रेन में पढ़ने के लिए गए भारतीय छात्रों को वापस बुला रहा है। इसी बीच भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का एक बयान सामने आया है। उनका कहना है कि यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। अभी स्थिति इतनी भी खराब नहीं है कि बड़े पैमाने पर भारतीय छात्र अभी देश छोड़े। उन्होंने मीडिया के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं। इगोर ने कहा कि कुछ भारतीय मीडिया चैनल यूक्रेन के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।

रूस-यूक्रेन विवाद पर भारत का न्यूट्रल रवैया

भारत ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में यूक्रेन मामले को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान से खुद को अलग रखा। इसके साथ ही भारत ने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए तनाव को तत्काल कम करने की अपील की। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस. तिरुमूर्ति ने स्पष्ट किया- भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है, जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उससे बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता कायम करना है।

20 हजार भारतीय छात्र हैं यूक्रेन में

पूर्वी यूरोप में इस विवाद के कारण युद्ध होने की संभावना के बीच यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 20 हजार भारतीय छात्र परेशानी में पड़ गए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पंजाब और राजस्थान से हैं। इन छात्रों को वापस भारत लाने के लिए दिल्ली स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका भी दायर की गई है।

रूस और यूक्रेन में तनाव की वजह

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। इससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटों सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है। वहीं रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है।

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