ओडिशा की गर्मजोशी से अभिभूत हुए एनआरआई: 18वें प्रवासी भारतीय दिवस पर

कुमार राकेश
भुवनेश्वर,10 जनवरी।
दुनिया भर से सैकड़ों प्रवासी भारतीय (एनआरआई) गुरुवार को भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में एकत्र हुए। इस अवसर पर उन्होंने ओडिशा की गर्मजोशी और बेहतरीन आयोजन की सराहना की, जिसने इस आयोजन को ओडिशा की जीवंत संस्कृति और धरोहर का भव्य उत्सव बना दिया।

कई एनआरआई के लिए यह कार्यक्रम अपनी जड़ों से जुड़ने और ओडिशा की खूबसूरती का अनुभव करने का अनूठा मौका है। स्लोवेनिया से आई एनआरआई कोकी वेबर ने सम्मेलन में शामिल होने की खुशी जाहिर की। उन्होंने अपने स्टोर ‘नमस्ते’ के बारे में बताया, जो भारतीय हस्तशिल्प जैसे शांतिनिकेतन के चमड़े के सामान, सिल्क स्कार्फ और अगरबत्तियां प्रमोट करता है। वेबर ने ओडिशा को एक छिपा हुआ खजाना बताया और अपनी पहली यात्रा में राज्य की सुंदरता और आकर्षण से विशेष रूप से प्रभावित हुईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भारत की धरोहर और विश्व को शांति और ज्ञान का संदेश देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध के ज्ञान में निहित है।

कनाडा से आए एनआरआई पुनीत मांचंदा ने पहली बार ओडिशा आने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उनके भाई ने राउरकेला से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, जिससे उनका राज्य से व्यक्तिगत जुड़ाव है। मांचंदा ने ओडिशा की संस्कृति और व्यंजनों का आनंद लिया, जिससे उनकी इस क्षेत्र से जुड़ाव और गहरा हो गया।

कैलिफोर्निया की निवासी और ओडिशा मूल की प्रिया बासा के लिए यह कार्यक्रम अपनी जड़ों से भावनात्मक पुन: जुड़ाव का अवसर था। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने और प्रधानमंत्री मोदी से व्यक्तिगत रूप से मिलने की उत्सुकता जाहिर की। कतर से आई एनआरआई सुदेश सहारावत ने कहा कि यह उनका दूसरा पीबीडी है, पिछली बार उन्होंने इंदौर में भाग लिया था। उन्होंने ओडिशा को और अधिक जानने के अवसर को सराहा और यहाँ की गर्मजोशी से अभिभूत होने की बात कही।

लंदन के व्यवसायी रमेश अरोड़ा ने भारत को वापस कुछ देने की इच्छा जताई। उन्होंने ओडिशा की गर्मजोशी और सुंदरता की प्रशंसा की और राज्य को निवेश गंतव्य के रूप में प्रमोट करने की योजना साझा की। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा मेरे दिल में रहता है,” और ओडिशा को यूके और अन्य जगहों पर प्रमोट करने की अपनी मंशा जताई।

18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन न केवल एनआरआई के लिए भारतीय धरोहर का उत्सव था, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापारिक सहयोग के नए रास्ते भी खोले, जिससे ओडिशा एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निवेश और पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर सामने आया।

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