समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 जुलाई: दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करने का आदेश सरकार ने भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन इसके असर ने करोल बाग के सेकेंडहैंड कार बाजार में हलचल जरूर मचा दी थी। राजधानी के हजारों कार मालिक अपनी गाड़ियां औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हो गए थे।
करोल बाग में खरीददारों की भीड़
करोल बाग, जो सेकेंडहैंड गाड़ियों का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है, यहां के कारोबारी बताते हैं कि इस आदेश के चलते अचानक देशभर से फोन आने लगे थे। जिन लोगों को लग्जरी गाड़ी सस्ते में खरीदनी थी, उनके लिए यह किसी मौके से कम नहीं था। कारोबारी कहते हैं कि ऐसा पैनिक पहले कभी नहीं देखा गया। तीसरी पीढ़ी से इस धंधे में लगे कारोबारी बताते हैं कि इस बार डर ने करोड़ों की गाड़ियों को भी सड़क पर सस्ते में ला दिया।
मर्सिडीज की भी लगी बोली
मर्सिडीज जैसी लग्जरी गाड़ियां, जिनकी कीमत डेढ़ करोड़ से शुरू होती है, वे भी कबाड़ होने के डर से मालिकों ने 12-13 लाख रुपये में बेचने की पेशकश कर दी। कारोबारी कहते हैं कि मालिक बस यही कहते थे कि जितना दाम देना है दे दो, बाद में तो कबाड़ में जाएगी ही।
सरकार ने फैसले को माना तकनीकी भूल
हालांकि इस फैसले को सरकार ने महज दो दिन में वापस ले लिया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने खुद माना कि पॉलिसी लागू करने में तकनीकी खामियां रह गई थीं। इसके बाद कार मालिकों ने राहत की सांस ली, लेकिन तब तक कई लोग अपनी गाड़ियां बेच चुके थे।
दूसरे राज्यों में भी डीलरों की बल्ले-बल्ले
दिल्ली से सस्ती गाड़ियां लेने के लिए दूसरे राज्यों के लोगों ने भी मौके का फायदा उठाया। यूपी, हरियाणा, राजस्थान से सेकेंडहैंड डीलरों ने बड़े-बड़े ऑर्डर किए। करोल बाग में कई लग्जरी गाड़ियां अब दिल्ली की बजाय छोटे शहरों में सड़कों पर नजर आएंगी।
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