उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार ली जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ, बने केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 अक्टूबर। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ लेकर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक इतिहास रच दिया है। वह अब केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उमर अब्दुल्ला, जो नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के प्रमुख नेता हैं, ने अपनी इस नई पारी के साथ राज्य की राजनीति में एक बार फिर से अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक सफर

उमर अब्दुल्ला, जो कश्मीरी राजनीति के सबसे प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं, पहले भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2009 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला था और तब से वे राज्य की राजनीति के प्रमुख चेहरे बने हुए हैं। उमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कश्मीर के दिग्गज नेता फारूक अब्दुल्ला के बेटे हैं, जिन्होंने खुद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कई कार्यकाल संभाले हैं।

उनका राजनीतिक करियर हमेशा चर्चा में रहा है, और वह अपनी नीतियों और दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति बहाली के लिए कई प्रयास किए हैं और उनके कार्यकाल में विभिन्न सुधारों को भी लागू किया गया।

केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास में दर्ज

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद यह एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद, जम्मू-कश्मीर में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उमर अब्दुल्ला का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर एक राज्य था, लेकिन अब इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद नई राजनीतिक और प्रशासनिक संरचनाएं लागू की जा रही हैं।

चुनौतियों और उम्मीदों का सामना

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए उमर अब्दुल्ला के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हैं। जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली, विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा करना उनके कार्यकाल की प्राथमिकता होगी। इसके अलावा, उन्हें कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाए रखना होगा।

उमर अब्दुल्ला ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर वर्ग के विकास के लिए काम करेगी और विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने पर जोर दिया जाएगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। नेशनल कांफ्रेंस के समर्थकों में खुशी की लहर है और वे उमर अब्दुल्ला की वापसी को राज्य के लिए एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा और अन्य विपक्षी दल उमर की नीतियों पर कड़ी नजर रखने की बात कर रहे हैं।

निष्कर्ष

उमर अब्दुल्ला का दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनकी इस नई भूमिका में उनसे बहुत सी उम्मीदें हैं, खासकर ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर की दिशा क्या होगी, यह आने वाले समय में देखा जाएगा, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां और अवसर दोनों हैं।

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