समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15दिसंबर। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अभी औसतन हर दिन लगभग 38 किमी सड़क का निर्माण कर रहा है, जिसके बढ़कर 40 किमी प्रति दिन होने की संभावना है, जो विश्व रिकॉर्ड होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री जब जवाब दे रहे थे, तब इस दौरान विपक्ष 12 सदस्यों के निलंबन का फैसला वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा कर रहा था और कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय अभी औसतन लगभग 38 किमी प्रति दिन राजमार्ग का निर्माण कर रहा है, जिसके बढ़कर 40 किलोमीटर प्रति दिन होने की संभावना है, जो विश्व में रिकॉर्ड होगा. उन्होंने कहा कि आगे चलकर इसे 45 किलोमीटर प्रति दिन करने का प्रयास है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई थी उस समय 406 सड़क परियोजनाएं लंबित थीं और उनकी लागत 3.85 लाख करोड़ रुपए थी. उन्होंने कहा कि वे परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण, वित्तीय सहित विभिन्न समस्याओं के कारण अटकी हुईं थीं, लेकिन मोदी सरकार ने उन सभी परियोजनाओं की समीक्षा कर उन्हें फिर से शुरू कराया और इस प्रकार बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपए की गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) से बचाया. उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2014 में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 1,40,937 किलोमीटर हो गई है।
राज्य सभा में हंगामे के बीच मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत ने सड़कों के निर्माण के मामले में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं. उन्होंने कहा कि सबसे तेजी से रोड बनाने में भारत विश्व में पहले स्थान पर आ गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने 24 घंटे में मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर चार लेन के 2.5 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण किया, जो विश्व रिकॉर्ड है. इसके अलावा सोलापुर से बीजापुर के बीच 26 किमी लंबी सड़क भी जल्दी बनाने में रिकार्ड कायम किया गया।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सरकार ने करगिल के पास जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया है. उन्होंने कहा कि इसके निर्माण के लिए चार बार निविदा जारी हुई थी और 11,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि इसमें 5,000 करोड़ रुपए की बचत की गई है और अभी शून्य से नीचे तापमान होने के बाद भी एक हजार मजदूर लगातार काम में लगे हैं. उन्होंने कहा कि शुरूआती अनुमान के अनुसार इसे साढ़े तीन साल में पूरा होना था, लेकिन सरकार का प्रयास इसे 2024 से पहले पूरा करने का है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि विभिन्न राजमार्गों के पूरा होने के बाद दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हरिद्वार और दिल्ली-जयपुर की यात्रा सिर्फ दो घंटे में पूरी की जाएगी वहीं दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मेरठ से दिल्ली आने में पहले चार घंटे लगते थे, लेकिन अब लोग सिर्फ 45 मिनट में पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन सब के लिए आधारभूत ढांचा अगले दो साल में पूरा हो जाएगा।
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