समग्र समाचार सेवा
तिरुपति, 13 सितंबर: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को तिरुपति स्थित पंचरत्न ऑडिटोरियम में संसद और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश विधानसभाओं की महिला सशक्तिकरण समिति के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। दो दिवसीय इस सम्मेलन का विषय है— “महिलाओं को उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाना”।
इस सम्मेलन में देशभर से 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसका उद्देश्य तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को मजबूत करना है
तकनीकी युग में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा
कार्यक्रम का मुख्य फोकस भारत के डिजिटल परिवर्तन और उभरती तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। चर्चा का विशेष जोर जेंडर डिजिटल डिवाइड को पाटने, महिलाओं की STEMM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स और मेडिसिन) में प्रतिनिधित्व बढ़ाने और महिला उद्यमिता व नवाचार को प्रोत्साहित करने पर रहेगा।
विकसित भारत 2047 के विजन से जुड़ा एजेंडा
सम्मेलन में “महिला-नेतृत्व वाला विकास: विकसित भारत के लिए” विषय पर भी विमर्श होगा। इसके अंतर्गत दो उप-विषय रखे गए हैं—
- जेंडर रिस्पॉन्सिव बजटिंग
- महिलाओं को उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाना
यह चर्चा भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य से जुड़ी होगी।
उद्घाटन और समापन सत्र में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
उद्घाटन सत्र में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नज़ीर, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश, महिला सशक्तिकरण समिति की अध्यक्ष डी. पुरंदरेश्वरि, आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सी. अय्यन्नापात्रुडु, और विधान परिषद के अध्यक्ष कोय्ये मोशेनु राजू शामिल होंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला न केवल सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, बल्कि महिला सशक्तिकरण पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ और स्मारिका का विमोचन भी करेंगे।
समापन सत्र 15 सितंबर को होगा, जिसमें राज्यपाल अब्दुल नज़ीर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपाध्यक्ष हरिवंश और डी. पुरंदरेश्वरि संबोधन देंगे। आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष आभार व्यक्त करेंगे।
महिलाओं के लिए नए अवसरों का द्वार
यह सम्मेलन न केवल प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करेगा, बल्कि नवाचार, समावेशन और कौशल विकास पर भी राष्ट्रीय विमर्श की दिशा तय करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल भारत में महिला नेतृत्व को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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